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ड्रग्स लेने वाला अपराधी नहीं, अब इस तरह नशे की लत छुड़ाएगी पुलिस, पर ये होंगे नुकसान

Narcotics DG Order : डीजी नारकोटिक्स का आदेश, ड्रग्स मिलने पर आपराधिक मामला दर्ज नहीं होगा। ड्रग्स मिले वाले को अपराधी के बजाय पीड़ित समझा जाएगा। जेल के बजाए पुनर्वास केंद्र पहुंचाएगी पुलिस। सप्लायर और ड्रग्स ट्रैवलर को लेकर की पूछताछ होगी।

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Narcotics DG Order

ड्रग्स लेने वाला अपराधी नहीं (Photo Source Patrika)

Narcotics DG Order :मध्य प्रदेश में अब ड्रग्स का सेवन करने वालों को अपराधी नहीं, बल्कि पीड़ित माना जाएगा। एमपी नारकोटिक्स डीजी केपी वेंकटेश्वर राव के 27 जून को जारी आदेश में कहा गया है कि अब ऐसे लोगों पर आपराधिक मामला दर्ज नहीं होगा। आदेश के मुताबिक जो ड्रग्स का सेवन करते हैं यदि उनके पास ड्रग्स मिलता है तो उन्हें तत्काल प्रभाव से पुनर्वास केंद्र भेजा जाएगा। वहां उपचार होगा और उससे ड्रग्स सप्लायर के संबंध में पूछताछ होगी।

अब पुलिस की प्राथमिकता ड्रग्स के रैकेट तोड़ने के लिए उसकी तह तक में जाने में है। ताकि युवाओं को ड्रग्स की गिरफ्त में आने से रोका जा सके। इसीलिए उनसे अपराधियों की तरह पेश न आकर नेटवर्क की पूछताछ की जाएगी। ये आदेश एडिशनल एसपी नारकोटिक्स समेत प्रदेश के सभी जिलों के एसपी और एसटीएफ के अधिकारियों को भेजा गया है।

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ड्रग्स एडिक्ट के सुधार पर फोकस

मामले को लेकर आइपीएस पूर्व क्षेत्र, आरएसएल यादव का कहना है कि अब ड्रग्स एडिक्ट के सुधार पर फोकस होगा। नेटवर्क पर ध्यान दिया जाएगा। ड्रग्स कहां से आया इसकी जांच होगी। ये अच्छी पहल है।

कानून में सजा का प्रावधान

हालांकि, डीजी, नारकोटिक्स का ये आदेश मौजूदा कानून के उलट है। कानूनन किसी के पास ड्रग्स मिलने पर एनडीपीएस के तहत उसपर कार्रवाई होती है।

सप्लायर पर फोकस

अब तक ड्रग्स मिलने पर उस व्यक्ति तक ही कार्रवाई सीमित थी। अब पुलिस पर सप्लाई चेन तक पहुंचने का दबाव होगा। ड्रग्स उपभोक्ता पर एफआईआर भी दर्ज नहीं होगी बल्कि उसे सप्लायर का नाम बताना होगा।

ये आएंगी परेशानियां

-अभी ड्रग्स लेने वाले ड्रग्स को अपने पास रखने से डरते हैं, लेकिन अब डर खत्म हो जाएगा।

-रेव पार्टियों और अन्य इवेंट में ड्रग्स का सेवन बढ़ेगा।

-पुनर्वास केंद्रों में नशेड़ियों की संख्या बढ़ जाएगी।