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देश की राजनीति पर प्रकाश झा का बड़ा बयान, कहा ऐसे लोगों को ही चुनती है जनता

बिहार की राजनीति पर प्रकाश झा का बड़ा बयान, कहा ऐसे लोगों को ही चुनती है जनता

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prakash jha

देश की राजनीति पर प्रकाश झा का बड़ा बयान, कहा ऐसे लोगों को ही चुनती है जनता

इंदौर . फिल्म निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा गुरुवार को शहर में होंगे। वह सिनेविजन के अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन करने आ रहे हैं। इस मौके पर पत्रिका ने उनसे विशेष चर्चा की। दामुल से लेकर मृत्यु दंड, अपहरण और आरक्षण सहित कई गंभीर फिल्मों में उन्होंने किसान, मजदूर, स्त्री, युवाओं आदि से संबंधित मुद्दे उठाए हैं।

इशु बेस्ड फिल्म बनाने के लिए पहचाने जाने वाले प्रकाश झा कहते हैं कि मैं नहीं समझता कि मैं इशु बेस्ड फिल्म बनाता हूं। मैं तो कहानियां खोजता हूं। इस खोज में जो कहानी मुझे उलझा देती है उसे ही मैं चुनता हूं क्योंकि जो कहानी मुझे उलझाएगी वो दर्शको को भी एंगेज करेगी।

जहां तक कहानी और इशु की बात है तो ये सब हमारे परिवेश से ही आता है। जो आसपास नजर आता है वही कहानियों में झलकता है। फिल्म में मूल कहानी है, बाकी साधन तो जुट जाते हैं।

एनजीओ के जरिये शिक्षा-स्वास्थ्य पर कर रहा हूं काम
बिहार में दो-तीन बार चुनाव लडऩे वाले झा अपनी पराजय पर कहते हैं कि मतदाता काफी समझदार हैं और उनकी नजर में मैं काबिल नहीं हूं। इन दिनों मैं अपने एनजीओ के माध्यम से शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम रहा हूं। इस काम के लिए मेरे पास समय की कमी नहीं होती।

केवल बिहार में नहीं बल्कि जहां जरूरत होती है वहां हम मदद करते हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर खतरे के बारे में कहते हैं कि खतरा तो शुरू से ही था, है और रहेगा। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हमारे सोच का अंग होना चाहिए।

विचार को कागज पर उतार लेता हूं
मैं जब भी सोचता हूं और लगता है कि कोई विचार आ रहा है तो उसे कागज पर लिख डालता हूं और कहानी बुनना शुरू हो जाती है। अपनी फिल्मों के लिए देश-विदेश में प्रशंसित होने के बावजूद उनका कहना है कि उन्होंने कभी भी ऑस्कर अवॉर्ड के बारे में नहीं सोचा। न कभी ऑस्कर पाने के उद्देश्य से फिल्म बनाई।

मैं अपने दर्शकों के लिए फिल्म बनाता हूं। हमें ऑस्कर का मोह होना भी नहीं चाहिए। तीन दशक पहले हिपहिप हुर्रे जैसी स्पोट्र्स ओरिएंटेड फिल्म बनाने वाले प्रकाश झा का कहना है कि स्पोट्र्स को लेकर अब देश में काफी फिल्में बन रही हैं। मिल्खा सिंह और पान सिंह तोमर पर फिल्में बनी हैं और अभी कई और फिल्में बन रही हैं। अब इस विषय पर फिल्मकार और दर्शक दोनों रुचि दिखा रहे हैं। ये शुभ संकेत है।