
पालक ने की बाल आयोग को शिकायत, आरटीई में सिलेक्शन के बाद स्कूल मांग रहा 78 हजार फीस
इंदौर. लाइसेंस, वाहन का बीमा, फिटनेस है? चप्पल पहनकर वाहन चलाते हो, कितने बच्चे बैठाते है? बताओं वाहन में कैमरे कहां लगे हैं, फस्र्ट एड बॉक्स कहां रखा है, ये (अग्निशमन यंत्र की ओर इशारा करते हुए) क्या है? ये सवाल रेसीडेंसी कोठी पर शुक्रवार को मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा ने स्कूली बच्चों को लेकर आए वैन चालक से पूछे। उन्होंने वैन चालक से अग्निशमन यंत्र चलाकर भी देखा। वैन में बैठे बच्चों से पूछा, आप को धक्के तो नहीं लगते हैं? चालक को चप्पल पहनकर वैन चलाते देख नाराजगी जाहिर कर हिदायत दी कि जूते पहनकर ही वाहन चालाएं। चालक ने उन्हें वैन में लगे कैमरे, स्पीड गर्वनर सहित अन्य जानकारी दी।
पालक संघ के अनुरोध जैन, पार्षद भूपेंद्र चौहान सहित बड़ी संख्या में पालक आयोग अध्यक्ष के पास अपनी परेशानी लेकर पहुंचे। जैन ने उन्हें बताया कि प्रदेश में इस बार आरटीइ के तहत लाटरी प्रक्रिया में पात्र होने के बाद भी ४३,५८० बच्चे एडमिशन से वंचित रह गए, क्योंकि उनकी चुनी गई सीटों की निजी स्कूलों में उपलब्धता समाप्त हो चुकी थी। जैन ने आयोग के समक्ष मांग रखी कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए रिक्त सीटों पर फिर से ऑनलाइन लाटरी की जाए। जैन ने बताया, इसमें उन स्कूलों के नाम भी आ गए, सहशिक्षा प्रदान नहीं करते है। लड़कियों के स्कूलों में लडक़ों के नाम आ गए। वहीं अनेक छात्रों के पालकों ने सही पात्रता होने के बाद भी मानवीय भूल की, जिससे उनके फार्म वेरिफिकेशन में रिजेक्ट किए जा रहे हैं।
दो साल बाद बताया अपात्र
वार्ड १८ के पार्षद भूपेंद्र चौहान ने आयोग के समक्ष शिकायत में बताया कि न्यू लाइफ हायर सेकेंड्री स्कूल में दो साल पहले आरटीइ के माध्यम से प्रवेश लेने वाले छात्रों को अपात्र बताकर बाहर किया जा रहा है। इन बच्चों से अब फीस मांगी जा रही है। आयोग ने कहा, मामले की जांच कराएंगे।
७८ हजार रुपए फीस की मांग कर रहे स्कूल
सांवेर रोड निवासी पालक सुनील गेहलोद ने कहा, बेटे विशेष का प्रवेश आरटीइ के तहत बिलबोंग इंटरनेशनल स्कूल में कराया। आरटीइ नियमों के खिलाफ बेटे का इंटरव्यू लेकर स्कूल प्रबंधन ने कहा, आपका बेटा बौद्धिक स्तर पर कमजोर है, हमारे स्कूल के मापदंडों पर खरा नहीं उतरता है, उसे आरटीइ में प्रवेश नही दे सकते हैं। आप स्कूल की अन्य गतिविधियों के लिए ७८ हजार रुपए वार्षिक का भुगतान करें, बस फीस अलग रहेगी।
आयोग कराएगा जांच
शिकायतों की गंभीरता से जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई भी की जाएगी। आरटीइ के लिए दोबारा लाटरी के लिए कोशि करेंगे, ताकि पात्र बच्चों को प्रवेश मिल सके।
- राघवेंद्र शर्मा, अध्यक्ष, मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग
Published on:
27 Jul 2018 11:23 pm
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