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बत्ती गुल,पसीना-पसीना हो गए प्रधानमंत्री,अतिथियों और लोगों का हुआ बुरा हाल

बारिश शुरू होते ही नेहरू स्टेडियम सहित शहर की कई कॉलोनियों में चली गई बिजली

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इंदौर

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Amit Mandloi

Jun 24, 2018

pasina modi

बत्ती गुल,पसीना-पसीना हो गए प्रधानमंत्री,अतिथियों और लोगों का हुआ बुरा हाल

इंदौर.बारिश शुरू होते ही बिजली कटौती का करंट यूं तो शहर की जनता को लगता है, लेकिन कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बत्ती गुल होने से परेशान हो गए। भाषण देने के दौरान बिजली गुल हो गई और जिम्मेदार अफसरों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए। नेहरू स्टेडियम सहित शहर की कई कॉलोनियों में बत्ती गुल हो गई। बारिश से पहले गर्मी और उमस की वजह से प्रधानमंत्री और मौजूद लोगों को बुरा हाल रहा। पीने का पानी होने के बावजूद लोग पानी को तरसते रहे क्योंकि पानी पिलाने की व्यवस्था ही नहीं थी।

महापौर मालिनी गौड़ को स्वच्छता का अवॉर्ड देने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने जैसे ही बोलने के लिए माइक संभाला, आसमान में बादल गरजे और तेज बारिश शुरू हो गई। इसी के साथ बिजली भी गुल हो गई। स्टेडियम के बाहर ट्रांसफॉर्मर पर तैनात बिजली अफसरों के कामों की पोल भी खुल गई। प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान ही मंच पर थोड़ी देर के लिए अंधेरा छा गया। पंडाल के कई हैलोजन बंद हो गए। जनरेटर से मंच और पंडाल में रोशनी आई, लेकिन पर्याप्त नहीं। घरों में टीवी पर प्रधानमंत्री का कार्यक्रम देखने बैठे लोग भी उनका कार्यक्रम नहीं देख पाए। मालूम हो कि बारिश के पहले बिजली लाइन, ट्रांसफॉर्मर और फीडर का मेंटेनेंस पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी करती है, लेकिन इस बार यह काम ठीक से नहीं हुआ। जरा सी बारिश होने पर ही बिजली गुल हो जाती है।

प्रधानमंत्री की तरफ किया कूलर
स्टेडियम में गर्मी से लोग काफी परेशान हुए, क्योंकि पंंडाल में पंखे इतने ऊपर लगे थे कि हवा लोगों तक नहीं पहुंच रही थी। कूलरों में पानी न होने से गर्म हवा फेंक रहे थे। मंच पर बैठे प्रधानमंत्री मोदी और सांसद व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन सहित अन्य अतिथि परेशान हुए। भाषण देने के दौरान प्रधानमंत्री भी पसीना पोछते रहे। यह देख उनके गार्ड ने कूलर का मुंह उनकी तरफ किया, तब उन्हें थोड़ी राहत मिली।

भाजपाइयों ने बिगाड़ी व्यवस्था
अनुशासन की दुहाई देने वाले भाजपाइयों ने ही कार्यक्रम के दौरान व्यवस्था को बिगाड़ा। ये मीडिया के बॉक्स में घुस आए। भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ आम जनता के साथ बदतमीजी भी की। पार्षद पूजा पाटीदार ने भाजयुमो के इन नेताओं से कैलाश विजयवर्गीय और रमेश मेंदाला के नारे तक लगवा दिए।

रखी रह गईं पानी की कैन
पानी की व्यवस्था की गई, लेकिन इसे जनता और अतिथियों के बीच नहीं पहुंचाया गया। लोग पानी के लिए तरसते रहे और कार्यक्रम खत्म होने के बाद कैन भरी रह गर्इं। इन्हें ऐसी जगह रखा गया कि भीड़ के कारण लोग पानी तक पहुंच ही नहीं पाए।

नाराज होकर चले गए खेर
स्वच्छ भारत मिशन के लिए गाना गाने वाले गायक कैलाश खेर भी इंदौर आए। उनके गानों पर जहां जनता जमकर झूमी, वहीं प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का संचालन करने वाली एंकर से उनका विवाद हो गया। इससे नाराज खेर गाना अधूरा छोडक़र ही चले गए।

बाहर निकलते ही ढूंढऩे लगे बीड़ी-तंबाकू
स्टेडियम नो टबेको जोन था। इसी के चलते पुलिस ने तलाशी के दौरान पान, गुटखे से लेकर बीड़ी-सिगरेट तक बाहर ही रखवा ली थी। अंदर जाते समय कुछ लोगों ने आसपास के पत्थरों के नीचे तंबाकू की डिब्बी छिपा दी थी, लेकिन गेट के पास ही पुलिस ने इन्हें फिंकवा दिया था। जब सभा के बाद लोगों का बाहर आना शुरू हुआ तो कचरे के बीच बीड़ी- सिगरेट ढूंढऩे लगे। जिसको जो हाथ लगा, उसे लेकर चले गए थे। कुछ ने तो पुलिस की गाडिय़ों के नीचे भी बीड़ी-सिगरेट रख दी थी।

पांच बजे दोबारा लग गई लाइन
सभा शुरू होने के बाद ही लोगों का बाहर निकलने का सिलसिला शुरू हो गया था। लोगों ने बताया कि गर्मी के चलते अंदर बैठना मुश्किल हो रहा है। पानी की बोतलें भी बाहर रखवा ली गई थीं, जिससे वे परेशान हो गए। करीब पांच बजे स्टेडियम के अंदर जाने के लिए दोबारा लाइन लगना शुरू हुई। बारिश शुरू होते ही लोग दोबारा अंदर जाने लगे।

- गायक कैलाश खेर के साथ जहां जनता सेल्फी लेने में लगी रही, वहीं इस काम में महिला पार्षद भी पीछे नहीं रहीं। यह महिला पार्षद सिर पर पगड़ी पहकर अलग ही अंदाज में आई थीं।
- बारिश के चलते स्टेडियम में कीचड़ न हो, इसके लिए पटिए लगाए गए। बावजूद इसके कीचड़ हो गया।
- पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी प्रधानमंत्री मोदी का मुखौटा लगाकर आई थीं।
- बारिश के चलते स्टेडियम में बनाए गए डोम में जगह-जगह पानी गिरने लगा।
- बारिश का मौसम देखते हुए कई लोग निकलने लगे। बावजूद इसके स्टेडियम में भीड़ कम नहीं हुई।
- मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान ही बस वालों ने लोगों को स्टेडियम से निकालकर बैठाना शुरू कर दिया था।
- भीड़ बढ़ाने के लिए स्कूल-कॉलेज के साथ-साथ आसपास के गांवों से भरकर लाए थे बसें।
- पुलिस की सख्ती का असर कहीं दिखा, कहीं नहीं।