
Rann Samwad 2025 in Mahow: देश-दुनिया के सैन्य दिग्गजों को भारत की शक्ति बनने जा रहे सुदर्शन चक्र की जानकारी देते सीडीएस जनरल अनिल चौहान। (फोटो: पत्रिका)
Rann Samwad 2025: भारत हमेशा से शांति का पक्षधर रहा है। बुद्ध, महावीर, गांधी की भूमि ने दुनिया को अङ्क्षहसा, शांति का संदेश दिया। लेकिन यह तब संभव है जब राष्ट्र शक्ति संपन्न हो। शक्ति के बिना शांति सिर्फ कल्पना है। ये बातें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने पहली 'रण संवाद-2025' के उद्घाटन सत्र में कहीं। बोले-स्वदेशी 'सुदर्शन चक्र' रक्षा प्रणाली 2035 तक देश की ढाल-तलवार की तरह काम करेगी।
सीडीएस जनरल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा उससे मिले सबक पहले से लागू किए जा रहे हैं। रण संवाद केवल उसी तक सीमित नहीं है, बल्कि भविष्य की जंग पर तकनीक के प्रभाव को समझने पर केंद्रित है। दुनिया में युद्ध और शांति की रेखा धुंधली हो चुकी है। जीत अब गति, सटीक हमलों और कथानक नियंत्रण पर निर्भर है। उन्होंने गीता व महाभारत के युद्ध नीति के उदाहरण भी दिए। कहाशस् त्र और शास्त्र दोनों का सामंजस्य जरूरी है।
सीडीएस बोले-स्वदेशी 'सुदर्शन चक्र' में निर्देशित ऊर्जा हथियारों के साथ हार्ड व सॉट किल क्षमताएं होंगी। हवाई खतरों को समय रहते नष्ट करेंगी। इसे अमरीकी 'गोल्डन डोम' पहल का भारतीय संस्करण बताया। यह पूरी तरह स्वदेशी होगा।
मंगलवार रात 8 बजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इंदौर एयरपोर्ट पहुंचे। वे कार्यक्रम के लिए सड़क मार्ग से महू पहुंचे। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह शाम ही पहुंचे। अब नौसेना प्रमुख चीफ एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी बुधवार सुबह आएंगे। बता दें, थल सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी का कार्यक्रम ऐन वक्त पर टल गया है।
युद्ध-रणनीति पर मंथन, पूर्व सैनिकों की भागीदारी, आमजन में सैन्य जागरूकता। युद्ध अब सिर्फ मैदान में नहीं, सूचना, तकनीक, कथानक नियंत्रण से भी लड़े जा रहे हैं। कार्यक्रम में 450 सैन्य अधिकारी, विशेषज्ञ, उपनौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल तरुण सोबती, एयर मार्शल तेजिंदर सिंह, मेजर जनरल एसपी. विश्वास राव, एयर कमोडोर ज्ञानदीप सिंह, कमोडोर एस.के. ङ्क्षसह और लेफ्टिनेंट जनरल अजय चांदपुरिया ने विचार रखे।
Published on:
27 Aug 2025 08:56 am
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