
नगर निगम में मस्टरकर्मी भर्ती पर प्रतिबंध, अब रखेंगे ठेके पर
इंदौर. नगर निगम में अभी तक मंत्री, सांसद, विधायक, महापौर, पार्षद, कर्मचारी संगठन पदाधिकारी और राजनीति से जुड़े नेताओं के साथ रसूखदारों के कहने पर लोगों की नौकरी लगते आई है। यह नौकरी मस्टर पर लगती है, लेकिन निगम में मस्टरकर्मियों की भर्ती पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। निगम में काम करने वालों की जरूरत पडऩे पर लोगों को मस्टर पर रखने के बजाय ठेके पर कर्मचारी बुलवाए जा रहे हैं। इसके लिए स्थापना विभाग ने टेंडर जारी कर दिए हैं। इसमें आउटसोर्स एजेंसी शामिल होकर निगम को कर्मचारी ठेके पर उपलब्ध कराएगी।
निगम में समय-समय पर विभिन्न कार्यों को करने के लिए वाहन चालक, सफाई श्रमिक (स्वीपर), कम्प्यूटर ऑपरेटर (डॉटा एंट्री ऑपरेटर), मैकेनिक, इलेक्ट्रीशियन, लाइन मैन, समयपाल (टाइम कीपर), लाइफ गार्ड, फायर मैन, कारपेंटर, प्रशिक्षित माली, प्लंबर, स्पोर्ट ट्रेनर, सुरक्षाकर्मी आदि की जरूरत पड़ती रहती है। इसके चलते निगम इन कामों को कराने के लिए लोगों को मस्टर पर नौकरी देता है, जो कि राजनीति से जुड़े किसी न किसी बड़े पदाधिकारी की सिफारिश व चिट्ठी पर योग्यता के आधर पर मिलती है। निगम उच्च कुशल, कुशल और अद्र्धकुशल श्रमिक के रूप में लोगों को मस्टर पर रखता है, लेकिन 11 अप्रैल 2019 को नगरीय विकास एवं आवास विभाग भोपाल के सहसचिव ने वीडियो क्रॉन्फे्रंस में नगरीय निकायों में कार्य आवश्यकता दर्शाते हुए अस्थायी दैनिक वेतन भोगी श्रमिक यानी मस्टर के रूप में लोगों को रखने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। उन्होंने निर्देशित किया कि 1 अप्रैल 2019 के बाद किसी भी निकाय में मस्टर पर लोगों की नियुक्ति नहीं की जाएगी। स्वीकृत पदों के विरूद्ध रिक्त पदों पर जरूरत के हिसाब से आउटसोर्स एजेंसी यानी बाहरी ठेकेदार के माध्यम से ही कर्मियों की सेवाएं विधिमान्य रूप से ली जा सकेंगी।
निगम में मस्टरकर्मियों की भर्ती पर आपत्ति लेने के बाद आयुक्त आशीष सिंह ने भी आदेश जारी कर मस्टरकर्मी पर प्रतिबंध लगा दिया। अब काम कराने के लिए कर्मचारियों की जरूरत पडऩे लगी तो निगम स्थापना विभाग ने नए कर्मचारी ठेके पर रखने के लिए टेंडर जारी किया है ताकि आउटसोर्स एजेंसी इसमें शामिल हो और निगम को ठेके पर कर्मचारी उपलब्ध हो सकें। टेंडर में काम की अनुमानित लागत 5 करोड़ रुपए रखी गई है। इसके साथ ही टेंडर प्रक्रिया पूरी करने की समयावधि 9 अगस्त रखी गई है।
अभी इतने मस्टरकर्मी
स्वास्थ्य विभाग सहित जनकार्य, जलकार्य, विद्युत, कॉलोनी सेल, बिल्डिंग परमिशन, जन्म-मृत्यु एवं विवाह पंजीयन, राजस्व, उद्यान, वर्कशॉप विभाग और पानी की टंकी आदि पर 5900 से ज्यादा मस्टरकर्मी निगम में काम करते हैं। ये फील्ड में काम करने के साथ निगम मुख्यालय सहित जोनल ऑफिस पर तैनात हैं। कई मस्टकर्मी पार्षदों और अन्य नेताओं के खास होने के साथ इनके घर पर ही सेवा देते हैं और तनख्वाह निगम से लेते हैं। निगम में मस्टर पर लोगों को लगाने के लिए अफसरों पर दबाव अलग बनाया जाता है। प्रतिबंध लगने से अब ऐसा नहीं हो सकेगा।
Published on:
12 Jul 2019 11:01 am
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