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मुफ्त में मिला रोबोट, मुफ्त के चक्कर में हो गया कबाड़

माले मुफ्त- दिल-ए-बेरहम..., खर्च नहीं मिलने से संस्था ने बंद किया मरम्मत का काम

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इंदौर

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Manish Yadav

May 26, 2023

मुफ्त में मिला रोबोट, मुफ्त के चक्कर में हो गया कबाड़

मुफ्त में मिला रोबोट, मुफ्त के चक्कर में हो गया कबाड़

इंदौर @ मनीष यादव
माले मुफ्त- दिल-ए-बेरहम...। कुछ ऐसा ही हाल शहर में भी देखने को मिला है। शहर में चौराहे पर यातायात संभालने के लिए लगाया गया रोबोट आखिरकार कबाड़ का रूप ले चुका है। मुफ्त में मिले इस रोबोट की मरम्मत अब तक पुलिस मुफ्त में ही करवा रही थी। अब पाट्र्स का खर्चा बढ़ा तो संस्था ने भी अपने हाथ खींच लिया। नतीजा यह निकला कि अब उस रोबोट को हटाकर उसके स्थान अस्थाई सिग्नल लगाना पड़ा है।
23 मई को एमआर 9 चौराहे पर लगाए गए रोबोट की जगह पर अस्थाई सिग्नल लगा दिया गया है। ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि अभी इसे हटाया नहीं गया है। इसकी खराबी को दूर करके इसे वापस लगा दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार अब तक इसे देख रही संस्था ने भी हाथ खड़े दिए हंै। साफ कर दिया है कि इसे सुधारने में अब बहुत खर्च आ रहा है। वह इतना खर्च वहन नहीं कर सकती। इसके बदले में पुुलिस चाहे तो उनसे नया रोबोट खरीद सकती है। वह नए रोबोट के साथ ही पांच साल तक का मेंटेनेंस भी देंगे। वहीं इसमें नए फीचर्स भी रहेंगे। इस नए रोबोट को हाल ही में ग्लोबल मीट के दौरान प्रर्दशन भी कर दिया गया है। जिसे दूसरे शहरों की पुलिस ने अपने यहां लगाने की इच्छा जाहिर की है। नए रोबोट की कीमत भी करीब 15 लाख है। पुलिस के पास इसका कोई बजट नहीं है। इसी के चलते प्रस्ताव खटाई में पड़ गया है।
2017 में लगाया गया था
2017 में निजी कॉलेज ने एक रोबोट तैयार करवाया गया था। इसे प्रयोग के तौर पर एमआर 9 चौराहे पर लगाया गया। इस रोबोट को लेकर भोपाल पुलिस ने भी संस्था से संपर्क किया था। इसके बाद ताबड़तोड़ इंदौर में लगवा दिया गया। तब इसे बनाने में 20 लाख की खर्च आया था। संस्था ने पुलिस से मांगा, लेकिन कुछ भी मिल न सका। तब से ही इस रोबोट में अगर कोई गड़बड़ी होती तो इसे बनाने वाले इंजीनियरों का ग्रुप ही इसे सुधार रहा था। शुरुआती दौर में यहां पर निजी गाड्र्स भी लगाए गए ताकि कोई इसे चोरी करके ही नहीं ले जाए।
निगम अधिकारी लेंगे निर्णय
निगम अधिकारियों को इस मामले में अवगत करा दिया गया है। वह अपने स्तर पर रोबोट को लेकर निर्णय लेंगे।
बसंत कौल, एसीपी ट्रैफिक