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संघ के गुरु पूर्णिमा पर्व में भाजपाइयों को न्योता

२९ जुलाई को शहरभर में बस्ती इकाई पर होंगे आयोजन

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संघ के गुरु पूर्णिमा पर्व में भाजपाइयों को न्योता

इंदौर। भारतीय परंपराओं में गुरुपूर्णिमा त्योहार का खासा महत्व है। शिष्य अपने गुरु का पूजन कर उपहार देते हैं। संघ भी उसे धूमधाम से मनाता है, जिसके चलते रविवार को शहरभर में आयोजन होंगे। स्वयंसेवकों के साथ में सभी भाजपाइयों को भी न्योता दिया जा रहा है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ साल में छह त्योहार धूमधाम से मनाता है, जिसमें से गुरुपूर्णिमा एक है। वैसे तो २७ जुलाई को है लेकिन संघ ने रविवार के हिसाब से २९ जुलाई को आयोजन करने का फैसला किया। इस बार आयोजनों को लेकर खासा फोकस किया गया है, जिसके चलते बस्तीशह कार्यक्रम होंगे। संघ ने कार्य विस्तार के लिए पांच मोहल्ले या दस हजार की आबादी को एक बस्ती माना है।

रविवार के दिन अधिकांश आयोजन सुबह रखे गए हैं। क्षेत्र में रहने वाले सभी स्वयंसेवकों की सूची निकाल ली गई, जिनसे संपर्क भी शुरू कर दिया गया। संघियों के साथ इस बार भाजपा के अन्य अनुसांगिक संगठन के कार्यकर्ताओं को भी न्योता दिया जा रहा है। स्पष्ट निर्देश हैं कि जिसने भी एक ध्वज प्रणाम कर लिया, वह स्वयंसेवक है, वहीं नए भाजपाई भी हैं तो उन्हें जोडऩे का प्रयास करना है।

भगवा ध्वज का होता है पूजन
संघ के संस्थापक डॉ. केशव बलीराम हेडगेवार ने संघ की स्थापना की। गुरुपुर्णिमा पर तब कुछ स्वयंसेवक उनका गुरुपूजन करना चाहते थे। उस समय डॉ. हेडगेवार ने इनकार कर दिया। कहना था कि व्यक्ति में कोई भी खामी या दुर्गुण हो सकते हैं। भगवा ध्वज को गुरु माना गया और तब से उसका पूजन होता है। वहीं, नियमित शाखा में भी भगवा ध्वज लगाकर प्रार्थना की जाती थी।

सेवा कार्य में होता है खर्च
गुरुपूजन में स्वयंसेवक अपनी श्रद्धा से समर्पण राशि देते हैं। यह राशि संघ अपने संगठन संचालन में खर्च करता है। इसके अलावा संघ के कई अनुषांगिक संगठन वनवासी कल्याण परिषद जैसे आदिवासी क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने व स्कूलों में काम करते हैं। इसके अलावा कई सेवा कार्यो का संचालन भी किया जाता है।

बारिश को देखकर जुटाई व्यवस्था
बारिश को देखते हुए गुरुपूजन के कार्यक्रमों के लिए क्षेत्र में मौजूद बड़े हॉल का चयन किया गया है ताकि अव्यवस्था ना फैले। वहीं, कार्यक्रम का संचालन करने और गुरुपूजन पर बौद्धिक देने वालों की भी सूची तैयार कर ली गई है, जिनका जिला व नगर स्तर पर अभ्यास भी कराया गया।