
नमकीन क्लस्टर में 'नमक' कम, 5 साल में सिर्फ 5 निवेशकों ने शुरू किया काम
इंदौर. नमकीन के स्वाद में दुनिया में खास पहचान रखने वाले इंदौर में देश के पहले नमकीन क्लस्टर को वह सफलता नहीं मिल सकी है, जिसकी सरकार ने उम्मीद की थी। इंदौर के नमकीन को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए सरकार ने 2012 में क्लस्टर की घोषणा की थी। 2015-16 में एमपीआइडीसी ने जमीनों के अलॉटमेंट किए। 2017 में नमकीन बनाने वाली पहली यूनिट शुरू हुई, इसके बाद 5 साल में 5 यूनिट ही यहां लग सकी हैं। सरकार का दावा है, यहां करीब 200 तरह के नमकीन बनेंगे। देश के साथ विदेश में निर्यात होगा, लेकिन अब तक नहीं हो सका है। यहां चलने वाली 5 में से कोई भी यूनिट नमकीन का निर्यात नहीं कर रही है।
33 में से 25 प्लॉट खाली
सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र के पास बने इस क्लस्टर में 33 प्लॉट हैं, लेकिन 25 खाली हैं। 5 पर उद्योग संचालित हो रहे हैं, जबकि 3 पर कुछ दिन पहले निर्माण शुरू हुआ है। छोटे उद्योगपति की सुविधा के लिए एमपीआइडीसी ने यहां दो बहुमंजिला भवन बनाए हैं, जहां पर 14 रुपए वर्गफीट किराए से हॉल दिया जा रहा है। प्लग एंड प्ले आधार पर तैयार इन हॉल में अलग-अलग साइज के 20 से अधिक हॉल हैं। उत्पाद अनुसार सर्वसुविधा युक्त हॉल होने के बाद यहां अब तक 4 छोटे कारोबारी नमकीन का उत्पादन कर रहे हैं। कोरोना के चलते बिगड़े हालात से कुछ का किराया बाकी है। इन भवनों में आरओ प्लांट से लेकर एलपीजी गैस की लाइन भी हैं।
सीएम ने किया था ऐलान, 11.7 एकड़ में क्लस्टर
2012 में इंदौर में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्लस्टर की घोषणा की थी। 2013 में डीपीआर तैयार हुई। 2015 में प्लॉट आवंटन हुए। हालांकि क्लस्टर के सारे प्लॉट बुक हो चुके हैं, लेकिन अधिकतर प्लांट ने काम शुरू नहीं किया। करीब 11.7 एकड़ के क्लस्टर में 5 हजार से 7,500 वर्गफीट तक के 33 प्लॉट हैं।
एक साल में बदलेंगे हालात
महावीर सेव भंडार के पंकज जैन ने बताया, प्लॉट आवंटन के समय यहां तक पहुंचने की सड़क ठीक नहीं थी। एमआर-4 तैयार होने से समस्या खत्म हो गई। कोरोना से प्लांट शुरू होने की रफ्तार थमी रही, लेकिन उम्मीद है अगले एक साल में कई प्लांट शुरू होंगे। बड़ी कंपनियों के लिए प्लॉट छोटे मप्र नमकीन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग बोथरा का कहना है, क्लस्टर में सुविधाएं तो अच्छी हैं, लेकिन बड़ी कंपनियों के यूनिट नहीं डालने के पीछे मुख्य वजह छोटे प्लॉट साइज हैं। अधिकतम 7500 वर्ग फीट है, जबकि बड़ी कंपनियों को बड़े प्लॉट की जरूरत होती है। बड़े उद्योगों को कम से कम एक एकड़ जमीन की जरूरत है।
ये कंपनियां कर रहीं उत्पादन
क्लस्टर में महावीर सेंव भंडार, नवंबर वन नमकीन, जयंत नमकीन, जैन नमकीन और ऋषभ नमकीन ने उत्पादन शुरू किया है। मिश्री स्वीट्स, श्रीमाया बेकरी सहित फेंटेसी बेकरी ने जमीन ले रखी हैं।
Published on:
06 Oct 2021 01:55 pm
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