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सरवटे बस स्टैंड की व्यवस्थाओं को भी कर दिया जाम

करीब तीन साल के इंतजार के बाद 14 करोड़ की लागत से सरवटे बस स्टैंड बनकर तैयार हुआ है। स्टैँड का सिस्टम बसों ने ही बिगाडऩा शुरु कर दिया है।

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इंदौर

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Ramesh Vaidh

Jul 19, 2022

सरवटे बस स्टैंड की व्यवस्थाओं को भी कर दिया जाम

इंदौर. नए हाईटेक सरवटे बस स्टैँड का सिस्टम बसों ने ही बिगाडऩा शुरु कर दिया है। पुराने बस स्टैंड की तरह नए में बसों का डेरा जमने लगा है। घंटों तक बसे यहां-वहां खड़ी रहती हैं। जबकि नई गाइडलाइन में रुट के टाइम के 20 मिनट पहले ही बस स्टैंड पर बस खड़ी करने की अनुमति है, लेकिन यहां सिक्यूरिटी गार्ड के होने के बाद भी व्यवस्था खराब मिली। कोई चालक-परिचालक बस को खड़ी कर चले जाते है तो कोई आराम कर रहे होते हैं। ऐसे में अपने तय टाइम पर नहीं आने के बयाज बस स्टैंड पर ही बसों के खड़े रहने से आने-जाने वाली कई अन्य बसों को निकलने की जगह तक नहीं मिल रही। जिससे यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। बता दें कि करीब तीन साल के इंतजार के बाद सरवटे बस स्टैंड का लोकार्पण हुआ है। 14 करोड़ की लागत से नया सरवटे बनकर तैयार हुआ है। जिसकी डीपीआर में कई दावे व सुविधाएं है, लेकिन मौके की तस्वीर अलग है।
कई जिलों व राज्यों में बस जाती है
सरवटे से कुक्षी, गंधवानी, बड़वानी, मनावर, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, ओंकारेश्वर, उज्जैन, आगर, भोपाल सहित अन्य जिलों व महाराष्ट्र राजस्थान की बसें संचालित होती है। 24 घंटे सरवटे से बसों का संचालन होने से यात्रियों को परेशान नहीं होना पड़ता है।
तय समय में 17 बसें खड़ी होती हैं
सरवटे से प्रतिदिन करीब 300 बसों का संचालन होता है। यहां पर एक तय टाइम में 17 बसों के खड़े होने की व्यवस्था है, लेकिन 50 से अधिक बसे लगी रहती हैं। जिससे स्टैंड पर ही एक तरह का ट्रैफिक जाम पूरे दिन लगा रहता है। सुरक्षाकर्मी तो तैनात है, लेकिन उनकी भी बस संचालक सुनवाई नहीं करते है। सख्ती से व्यवस्था संभाली जाए तो स्टैंड का मैनेंजमेंट अच्च्छा बना रहेगा।
सरवटे के हालात
बसों के घंटों खड़े रहने से धूल-मिट्टी पसरी।
प्राथमिक चिकित्सा व पुलिस कंट्रोल एक ही रुम में।
कंट्रोल रुम में पूरे समय कोई पुलिस जवान नहीं रहता।
वाहन अधिक खड़े रहने से ध्वनी प्रदूषण भी बढ़ा।
गंदा पानी जमा होने से बदबू आने लगी।
जगह-जगह कचरा बिखरा पड़ा।