
संभालिए आपका एटीएम, साइबर अपराधी ऐसे जमा कर रहे दूसरों के मोबाइल व बिजली बिल
इंदौर/भोपाल. राज्य साइबर क्राइम पुलिस ने ऐसे संगठित साइबर अपराधी गिरोह के सदस्य को गिरफ्तार किया, जो लोगो के एटीएम को हैक कर उससे पंजाब की बड़ी कंपनियों के बिजली बिल व दूसरो को मोबाइल बिल का भुगतान कर रहा था। इसके बदले वह ग्राहको को कुछ पैसा लौटाने का झांसा देता।
पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम जीतेंद्र ङ्क्षसह ने बताया कि इंदौर निवासी साहयक प्राध्यापक प्रीति सेंगर ने शिकायत की थी। इंदौर से भोपाल जाते समय उन्हें मोबाइल पर ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का ओटीपी प्राप्त हुआ। अगले ही पल बैंक खाते से 16 हजार रुपए ट्रांसफर हो गए। सेंगर ने एटीएम कार्ड नम्बर ब्लॉक कर साइबर थाना भोपाल में लिखित आवेदन दिया। फरियादी को प्राप्त एसएमएस में पर्याप्त जानकारी नहीं होने तथा बैंक द्वारा इस आहरण से संबंधित जानकारी प्रदान नहीं किए जाने से जांचकर्ता अधिकारी द्वारा सभी बड़ी पेमेंट कंपनियों से संपर्क किया गया। एक कंपनी ने इस बारे में जानकारी दी।
पंजाब के उपभोक्ता का चुकाया बिल
कंपनी ने बताया कि फरियादी के खाते से पंजाब स्टेट पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड का बिल चुकाया है। यह बिल पंजाब के किसी उपभोक्ता का था। कंपनी का २ लाख १६ हजार रुपए का बिल भरा गया। प्रीति के साथ ही 14 एटीएम खातो से पैसा चुराकर बिल भरा गया। कंपनी से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि बिल पंजाब निवासी एजेंट नरेश कुमार ने चुकाया है। बिल भरने के एवज में उन्हें दस हजार रुपए कैश बैक दिया गया। नरेश कुमार ने बताया कि वह वाट्सऐप के माध्यम से कुछ हैंकर्स से जुड़ा है जो डार्कनेट से एटीएम कार्ड की जानकारी लेकर लोगों के खातों से पैसा ट्रांसफर कर लेते हैं।
ऐसे करता था धोखाधड़ी
आरोपी उपभोक्ताओं के बिजली तथा पोस्टपेड मोबाइल बिल लेकर उनके उपभोक्ता क्रमांक या मोबाइल नम्बर अपराधियों को वाट्सऐप पर मैसेज कर उनके बिल पेमेंट करने के लिए कहता था, जब बिल पे हो जाते तो वह साइबर अपराधियों द्वारा दिए बैंक खातों पर भुगतान बिल की राशि ट्रांसफर कर देता था। इस आधार पर आरोपी नरेश कुमार एवं अन्य के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता एवं सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर नरेश कुमार को गिरफ्तार किया गया।
प. बंगाल से केरल तक के 21 बैंक खाते
साइबर अपराधियों द्वारा आरोपी नरेश कुमार से पैसे प्राप्त करने के लिए पश्चिम बंगाल से लेकर केरल तक के 21 बैंक खाते दिए गए थे। सभी 21 बैंक खातों को फ्रीज करा दिया गया है। इनमें हए ट्रांजेक्शन की जांच की जा रही है।
एडवायजरी जारी
साइबर अपराध शाखा ने लोगों से अपील की है कि यदि वे अपने बिजली या मोबाइल पोस्ट बिल सर्विस प्रोवाइडर/ एजेंट के माध्यम से जमा कराते हैं तो सावधान रहें। एजेंट को चेक सीधे कंपनी के नाम पर दें न कि एजेंट के नाम पर। एजेंट द्वारा बिल जमा कराने की रसीद तुरंत प्राप्त करें।
Updated on:
12 Jul 2018 10:08 am
Published on:
12 Jul 2018 06:12 am
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