
इंदौर. दलित आंदोलन में भड़की हिंसा के बाद देशभर में 14 लोगों की मौत हो गई है। कई शहरों में अभी भी आगजनी और तोडफ़ोड़ जारी है। इन सबके बीच इंदौर में अब अन्य समाज आरक्षण के विरोध में उतर गए हैं और उन्होंने कहा है कि अब आरक्षण की इस आग को खत्म करने का समय आ गया है। गौरतलब है कि पटेल, गुर्जर जैसे आंदोलनो ंके बाद भी अन्य समाजों ने सड़कों पर उतरकर आरक्षण का विरोध किया था।
ब्राहम्ण समाज, क्षत्रिय समाज और राजपूत समाज जैसे संगठनों ने कहा था कि आरक्षण की वजह से देश टूट रहा है और आरक्षण सिर्फ जातिआधार पर नहीं मिलना चाहिए। इस संगठनों का कहना था कि यदि किसी को आरक्षण मिलता भी है तो उसका आधार उसकी गरीबी होना चाहिए न कि उसकी जाति।
अब एक बार फिर से जब देश में एसटी एसटी वर्ग की वजह से आरक्षण की आग फैली है तो देश के अन्य संगठन भी इसके विरोध मेें उतर आए हैं। इनका मानना है कि जब तक देश में आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू नहीं होता तब तक देश इसी तरह से टूटता रहेगा।
इंदौर से ब्राहम्ण समाज ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
ब्राहम्ण समाज ने आरक्षण के विरोध में राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया है। इसी के साथ अब समाज द्वारा विशाल रैली निकालने की तैयारी की जा रही है। ब्राहम्ण समाज के अध्यक्ष विकास अवस्थी ने बताया कि समाज पहले भी जाति आधार पर आरक्षण का विरोध करता रहा है और अब हम सड़कों पर आंदोलन की पूरी तैयारी कर रहे हैं।
इंदौर में डरा-धमकाकर बंद कराए बाजार, कई जगह दुकानदारों को पीटा
एससी-एसटी एक्ट के तहत तत्काल गिरफ्तारी पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देशभर की तरह इंदौर में भी सोमवार को छिटपुट घटनाओं को छोड़ बंद का व्यापक असर देखने को नहीं मिला। समता सेना, भीम सेना, बौद्ध महासभा और अखिल भारतीय बलाई महासभा के कार्यकर्ताओं ने राजबाड़ा पर प्रदर्शन किया। व्यापारिक प्रतिष्ठान जबरन बंद कराए गए। पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की।
रेलवे स्टेशन पहुंचकर ट्रेन रोकने का प्रयास किया, जिसे पुलिस ने असफल कर दिया। संभागायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया। सोमवार सुबह से बंद के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। नीला झंडा और तिरंगा हाथों में लेकर पैदल और बाइक पर राजबाड़ा पहुंचे। राजबाड़ा पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियांे के पहुंचने से पूरा क्षेत्र जाम हो गया। वहीं, राजवाड़ा पर वाल्मीकि समाज ने भी समाज जनों के साथ मानव शृंखला बनाकर फैसले का विरोध किया।
Updated on:
03 Apr 2018 02:11 pm
Published on:
03 Apr 2018 12:52 pm
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