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पुरी के शंकराचार्य ने कहा-मैथिल भाषी मिथिला क्षेत्र के विकास के लिए आगे आएं

शहर के मैथिल समाज द्वारा विद्यापति स्मृति पर्व मनाया गया  

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पुरी के शंकराचार्य ने कहा-मैथिल भाषी मिथिला क्षेत्र के विकास के लिए आगे आएं

इंदौर. गोवर्धनपीठ पूरी के पीठाधीश्वर निश्चलानंद सरस्वती ने शहर में रह रहे मैथिल समाज के लोगों से आवाहन किया कि वो नेपाल ने 5-6 जिलों एवं उत्तरी बिहार के 15-16 जिलों के मैथिल भाषियों और मिथिला क्षेत्र के विकास के लिए कार्य करें। जिससे कि बिहार एवं नेपाल के पिछड़े मिथिला क्षेत्र जो देश के महान विदुषियों की कर्म एवं जन्भूमि रही है, का समग्र विकास हो सके। शहर में रह रहे मैथिल भाषियों की अग्रणी संस्था विद्यापति परिषद् द्वारा आयोजित एक विशाल धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए शंकराचार्य ने मैथिली लिपि को और सुदृढ़ बनाने पर जोर देते हुए कहा कि आज मैथिलि भाषा की लिपि विलुप्त होती जा रही है, अत: आवश्यकता है कि मैथिल समाज के लोग अपनी लिपि के निरंतर विकास पर कार्य करें। इस अवसर पर बड़ी संख्या में मैथिल समाज के लोग उपस्थित थे। केके झा ने बताया, धर्म सभा के पश्चात मिथिला के महान कवि महाकवि विद्यापति की स्मृति में मैथिली सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मिथिला के सुप्रसिद्ध कलाकारों द्वारा मैथिली लोकगीत एवं महाकवि विद्यापति रचित मैथिली लोकगीतों का सुमधुर प्रस्तुतीकरण दिया गया। इस अवसर पर मैथिल समाज के गणमान्य व्यक्तियों को उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए विद्यापति परिषद् के पदाधिकारियों द्वारा मिथिला के पाग एवं शाल से सम्मानित किया गया।