
सीएम की मेधावी विद्यार्थी योजना से निजी कॉलेजों को नहीं मिल रहे छात्र
अभिषेक वर्मा. इंदौर. परंपरागत कोर्स चला रहे ज्यादातर प्राइवेट कॉलेज इस बार एडमिशन के लिए तरस रहे हैं। पहले राउंड के बाद सरकारी और अनुदान प्राप्त कॉलेजों में जहां 70 फीसदी से ज्यादा अलॉटमेंट की उम्मीद है, वहीं, प्राइवेट कॉलेजों में ये आंकड़ा बमुश्किल 25 फीसदी तक पहुंच पाएगा। ये स्थिति देखकर कॉलेज संचालकों में निराशा के साथ नाराजगी है। वे उच्च शिक्षा विभाग के अफसरों से मिलकर अपनी परेशानी बताने को एकजुट हो रहे हैं।
प्रदेश के होनहार छात्रों के लिए मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना संचालित की जा रही है। डीटीई (तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग) की योजना में उच्च शिक्षा विभाग के कोर्स भी शामिल है। एमपी बोर्ड में 70 फीसदी या इससे ज्यादा अंक लाने वाले बच्चों को सरकारी या फिर अनुदान प्राप्त कॉलेज में एडमिशन लेने पर मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में फीस की छूट दी जा रही है।
पिछले साल एमपी बोर्ड में 85 फीसदी या उससे ज्यादा अंक वालों को इसका लाभ मिला था। इस साल न्यूनतम स्कोर 70 फीसदी करने से प्राइवेट कॉलेजों को छात्र ही नहीं मिल पा रहे। दूसरी ओर, सरकारी कॉलेजों के साथ-साथ अनुदान प्राप्त कॉलेजों की लॉटरी निकल गई।
चॉइस फिलिंग के लिए इन कॉलेजों को चुनने की होड़ मची हुई है। 70 फीसदी से ज्यादा स्कोर करने वाले होनहार सरकारी और अनुदान प्राप्त कॉलेजों को ही प्राथमिकता पर रख रहे हैं। सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड में 85 फीसदी लाने वालों को ही इस योजना का फायदा मिल रहा है। निजी कॉलेज संचालकों का कहना है कि तकनीकी कोर्स में जिस तरह सभी कॉलेजों के लिए ये योजना है, वैसे ही उच्च शिक्षा के कोर्स के लिए भी इसे लागू किया जाना चाहिए।
लोकपाल से पहले कॉलेजों में बनेंगे शिकायत प्रकोष्ठ
इंदौर . लोकपाल की नियुक्ति से पहले देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी कॉलेज स्तर पर शिकायत प्रकोष्ठ गठित करेगी। इसमें यूनिवर्सिटी के सीनियर प्रोफेसर, कॉलेज के तीन सीनियर फैकल्टी और एक छात्र को जगह मिलेगी। वे छात्रों की हर समस्या का निपटारा करेंगे।
यहां से समाधान नहीं मिलने पर प्रकरण लोकपाल के पास भेजा जाएगा।
जुलाई तक लोकपाल नियुक्त करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने तीन नाम विभावरी जोशी, नरेंद्र कुमार सत्संगी व उदय सिंह बहरावत की पेनल यूनिवर्सिटी को भेजी है।
तीनों ही रिटयर्ड जिला एवं सत्र न्यायाधीश हैं। इनमें से किसी एक के नाम पर यूनिवर्सिटी मुहर लगाएगी। लोकपाल के पास छात्रों की समस्या सुनने के साथ कार्रवाई के भी अधिकार रहेंगे। छोटी-छोटी शिकायतें सीधे लोकपाल न आएं, इसलिए इनका निपटारा पहले कॉलेज और फिर यूनिवर्सिटी स्तर पर किया जाना है। कॉलेज स्तर के लिए पांच सदस्यों के शिकायत प्रकोष्ठ के अध्यक्ष यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर होंगे।
सीएम मेधावी विद्यार्थी योजना तकनीकी शिक्षा के सभी कोर्स के लिए है। उच्च शिक्षा विभाग में सरकारी और अनुदान प्राप्त कॉलेज में प्रवेश लेने वालों को इसका लाभ मिलेगा। एमपी बोर्ड में ७५ फीसदी और सीबीएसई या आईसीएसई बोर्ड में 85 फीसदी अंक लाने वाले इसके लिए पात्र है।
- प्रो.केएन चतुर्वेदी, अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा विभाग
Updated on:
11 Jun 2018 11:07 am
Published on:
11 Jun 2018 11:06 am
बड़ी खबरें
View Allइंदौर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
