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सड़क पर लिखा अच्छे दिन और फिर खुद तोडऩा पड़े अपने आशियाने

नजारा है पश्चिम इंदौर के सिलावटपुरा क्षेत्र का ...

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silawat pura indore encroachment issue

इंदौर. आसमान में ऊपर पतंग छा रही थी और नीचे धूल के गुबार उठ रहे थे। दूर बज रहे डीजे की आवाज के बीच इलेक्ट्रिक हैमर की घरघराहट, हथौड़े के चलने और मलबे के नीचे गिरने की आवाजों के बीच सड़क पर मुंह पर कपड़ा बांधे, धूल में सने लोग इधर से उधर घूम रहे थे। कोई अपने घर दुकान से सामान निकालकर उसे ठेले, लोडिंग रिक्शा में भर रहा था, तो कोई अपने आशियाने की दीवार गिरने में जुटा था। यह नजारा है पश्चिम इंदौर के सिलावटपुरा क्षेत्र का।

मकर संक्रांति पर पतंगबाजी में आगे रहने वाले इस क्षेत्र में रविवार को अलग ही माहौल दिखा। यहां पर सड़क के दोनों और डिवाइडर लगाकर उसे बंद कर दिया और रहवासी अपने घरों को तोडऩे में जुटे रहे। गंगवाल से सरवटे के बीच बनने वाली 80 फीट चौड़ी सड़क के लिए नगर निगम ने इस क्षेत्र के रहवासियों को उनके बाधक हिस्से हटाने के लिए नोटिस जारी कर तीन दिन में हटाने को कहा है। रहवासी मकान तोड़े जाने को लेकर गुस्सा भी हैं, उन्होंने सड़क पर अच्छे दिन लिखकर अपना विरोध भी जताया। पूरे क्षेत्र में मौजूद दुकानों में से अधिकांश खाली हो गई हैं।

अधूरा मकान भी तोडऩा पड़ रहा
यहां निर्माणाधीन एक मकान का लगभग 23 फीट का हिस्सा सड़क में आ रहा है। दो छतें डल चुकी हैं, लेकिन सड़क में बाधक होने के चलते इसे मकान मालिक ने खुद ही तोडऩा शुरू कर दिया।

नहीं चाहते मकान पर लगे बुलडोजर
सिलावटपुरा निवासी आफताब खान ने कहा, मकान तो टूटेगा ही आज या बाद में। बुलडोजर से मकान टूटेगा तो ज्यादा नुकसान होगा, इसलिए खुद ही तोड़ रहे हैं।

केवल मलबा उठा लेना
रहवासियों ने निगम से मकानों तोडऩे के लिए कोई सहयोग नहीं मांगा है। केवल यहां गिरने वाले मलबे को हटाने की मांग की है। निगमायुक्त मनीष सिंह ने मलबे को रात के समय गाडिय़ां लगाकर हटाने के निर्देश दिए हैं।