-फूलों की शाही पोशाक से सजाते हैं शनि देव को-जूनी इंदौर स्थित मंदिर में होता है शनिदेव का सोलह शृंगार
इंदौर। शहर के जूनी इंदौर क्षेत्र में स्थित शनि देव का मंदिर अपने आप में अनोखा है। शनि देव के इस मंदिर की मान्यता है कि यहां शनि महाराज भक्तों को सोलह श्रृंगार स्वरूप में दर्शन देते हैं। अधिकांश शनि मंदिरों में शनि देव की काले रंग की प्रतिमा होती है मगर जूनी इंदौर के शनि मंदिर में श्रृंगारित प्रतिमा के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है। कहते हैं कि जब इस मंदिर में शनि देव का दूध और जल से अभिषेक किया जाता है तो इनका यह रूप निखर उठता है। शनि देव के इस सोलह श्रृंगार से जुड़ी अनेक मान्यताएं हैं।
मंत्रमुग्ध होकर निहारते हैं भक्त
सिंदूरी शनि महाराज के इस मंदिर प्रवेश करते ही भक्त भाव विभौर हो जाते हैं। इस प्राचीन मंदिर में शनिदेव का इतना आकर्षण होता है कि भक्त मंत्रमुग्ध होकर इन्हें निहारते रहते हैं। शनिदेव के साथ ही इस मंदिर में होने वाली पूजा की विधि भी अनोखी है, क्योंकि यहां तेल से नहीं बल्कि दूध और जल से शनि देव के प्रसन्न होने की मान्यता है। सुबह-सवेरे पहले शनिदेव का दूध और जल से स्नान कराया जाता है। फिर उन्हें फूलों और शाही पोशाकों से सजाया जाता है। इसमें करीब 6 घंटे का समय लगता है। मंदिर की एक विशेषता है जो बाकी मंदिरों से बिल्कुल अलग है। कहा जाता है कि यहां आरती से ठीक पहले शहनाई बजाई जाती है, जो आरती पूरी होने तक लगातार बजती रहती है।
हर रोज आते हैं श्रद्धालु
दर्शन के लिए लगती है भीड़ इस प्राचीन शनि मंदिर में वैसे तो प्रतिदिन श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं। कुछ लोग नियमित जाते हैं तो कुछ कभी-कभार, मगर विशेष तिथियों और पर्वों पर शनि देव के दर्शन के लिए हजारों लोग पहुंचते हैं। दर्शन के लिए कतार में लगकर इंतजार करते हैं। पहली बार दर्शन के लिए जाने वाले भक्त शनि देव का श्रृंगारित स्वरूप देखकर मोहित हो जाते हैं और अपलक निहारते रहते हैं।