
बिकवाली का जोर रहने से चने में मंदी, स्टॉक से बढ़ी परेशानी
इंदौर. चने की आगामी फसल 110 लाख टन के स्तर पर पहुंचने के अनुमान के साथ इसके सरकारी स्टॉक ने दलहन कारोबार को पिछले एक पखवाड़े में असंतुलित कर दिया है। केंद्र सरकार अपनी अलग-अलग एजेंसियों के जरिए पिछले दो वर्षों से किसानों से दलहन की सीधी खरीदी करती रही है। अब यही स्टॉक बाजार को परेशान करने लगा है। सरकार के पास फिलहाल 20 लाख टन से अधिक चने का स्टॉक है। पिछली दो फसलों का यह स्टॉक मुख्य रूप से तीन उत्पादक राज्यों, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में है। सरकार के पास जमा दलहन का स्टॉक बाजार भाव पर दबाव का काम करता रहा है। नैफेड ने नीलामी में बार-बार कम भाव पर माल नहीं बेचने की बात कही है। फिर औसत किस्म के नाम पर कुछ केंद्रों पर कम भाव पर चने की बिक्री किए जाने से खुले बाजार में भाव पर लगातार दबाव देखा जा रहा है। मंडी में चना घटकर 4000 रुपए के स्तर पर आ गया है। कच्चा मालों में आई गिरावट से दालों की कीमतें भी नीचे आई है। दाल कारोबारियों का कहना है कि तुवर और चना समर्थन मूल्य से नीचे बिक रहा है, जिससे दालों में तेजी के आसार नहीं है।
शकर और खोपरा गोला में नरमी, नारियल तेज
किराना बाजार में शकर और खोपरा गोला के भाव में नरमी रही। टिपटूर में खोपरा गोला का टेंडर 103.60 रुपए गया। आवक 2745 बोरी की बताई गई। त्योहारी मांग व आवक कम होने से नारियल के भाव तेज रहे। बाजार में नारियल की 4 गाड़ी आवक हुई।
आलू-प्याज के दाम घटे
चोइथराम आलू-प्याज मंडी में मांग कमजोर रहने से आलू-प्याज के भाव में गिरावट रही। नई लहसुन की 40 हजार बोरी आवक हुई। आलू की 45 हजार बोरी आवक बताई गई। प्याज की 60 गाड़ी आई। प्याज सूखी 2200 से 2500, मीडियम 1800 से 2000, गोल्टी प्याज 1200 से 1400, चिप्स का आलू 1300 से 1400 व ज्योति आलू 1200 से 1300, लहसुन ऊंटी 9000 से 10000, मोटी सुपर 8000 व मीडियम 7500 रुपए क्विंटल बिकी।
Published on:
23 Feb 2020 01:33 am
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