
एलिजिबिलिटी नहीं बनने से नाराज विद्यार्थियों ने किया कुलपति का घेराव
इंदौर.
कॉलेजों के लिए पिछले सत्र से लागू हुई नई शिक्षा नीति को लेकर बने असमंजस के बीच अब सैकड़ों विद्यार्थियों का एक साल बिगड़ गया है। ये वे विद्यार्थी है जो सेकंड ईयर में फेल हुए थे। पुरानी नीति से फस्र्ट ईयर पास करने के बाद इन्हें नई नीति से सेकंड ईयर की परीक्षा देने के लिए एलिजिबिलिटी की जरुरत है। एलिजिबिलिटी नहीं बनने से परेशान हुए विद्यार्थियों ने नाराज होकर कुलपति का घेराव कर दिया।
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की फस्र्ट ईयर की परीक्षा बुधवार से शुरू हो रही है। नई शिक्षा नीति से हो रही इस परीक्षा में उन विद्यार्थियों को भी शामिल होना अनिवार्य है जो कि 2020-21 में फस्र्ट ईयर की परीक्षा पास कर चुके है। नई शिक्षा नीति में शामिल होने के लिए इन्हें सिर्फ अतिरिक्त विषयों की परीक्षा देना है। इसके लिए वे कई महीनों से यूनिवर्सिटी के चक्कर काट रहे है। ऐनवक्त तक प्रयास करने पर भी एलिजिबिलिटी नहीं मिलने पर विद्यार्थियों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कुलपति प्रो.रेणु जैन, डीएसडब्ल्यू प्रो.एलके त्रिपाठी व असिस्टेंट रजिस्ट्रार अनुराग द्विवेदी का घेराव कर दिया। असिस्टेंट रजिस्ट्रार द्विवेदी ने उन्हें शांत करते हुए बताया कि जिनके आवेदन 3 मार्च से पहले मिले थे उन सभी को एलिजिबिलिटी दे दी गई है। जिनकी एलिजिबिलिटी नहीं बनी उनके लिए कॉलेज जिम्मेदार है। इस पर विद्यार्थियों ने कॉलेज पर कार्रवाई की मांग उठा दी। कुलपति ने कहा कि अगर आप लोग लिखित शिकायत करते है तो हम कॉलेज को नोटिस जारी करेंगे।
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आगामी परीक्षाएं नई शिक्षा नीति के तहत ही कराई जाएगी। पुराने पैटर्न से चल रहे विद्यार्थियों को इसमें शामिल होने के लिए एलिजिबिलिटी अनिवार्य है। 3 मार्च तक जिन विद्यार्थियों के आवेदन मिले थे उन सभी को एलिजिबिलिटी दे दी गई है।
- अनुराग द्विवेदी, असिस्टेंट रजिस्ट्रार, डीएवीवी
Updated on:
09 May 2023 07:29 pm
Published on:
09 May 2023 07:27 pm
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