
श्रद्धा और आस्था का पात्र जितना बड़ा उतनी मिलेगी गुरुकृपा
इंदौर. आजकल कोई भी शिष्य नहीं बनना चाहता। हर कोई सीधे गुरु बनना चाहता है। गुरु जन्म-जन्मांतर के अंधकार को दूर कर जीवन को सद्गुणों से आलोकित करते हैं। गंगा में कोई नाला मिल जाता है तब भी उसकी पवित्रता खत्म नहीं होती। यही स्थिति साधु समाज की है। श्रद्धा-आस्था का पात्र जितना बड़ा व गहरा होगा, गुरुकृपा उतनी अधिक मिलेगी। भक्तों ने ही भारत भूमि पर धर्म और संस्कृति की रक्षा कर देश का मान बढ़ाया।
साध्वी कृष्णानंद ने भारतीय संस्कृति शिक्षा संस्थान ट्रस्ट विश्वनाथधाम परिसर सांवेर रोड पर श्रीमद् भागवत ज्ञानयज्ञ में बालक धु्रव की कथा के दौरान गुरुवार को उक्त विचार कहे। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी शामिल हुईं। काशी के महामंडलेश्वर स्वामी सोमेश्वर यति के सान्निध्य में समाजसेवी नारायण सिंघल, अजय जैन, हेमंत गर्ग, विनोद बागड़ ने व्यासपीठ पूजन किया। नृसिंह अवतार उत्सव भी मनाया गया। संयोजक मीरा गोयल ने बताया, शुक्रवार को श्रीराम-कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
Published on:
27 Dec 2019 01:58 am
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