मेट्रो प्रोजेक्ट की फाइनल डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के दिल्ली पहुंचते ही शहर के लोगों के लिए मेट्रो में सफर की उम्मीदें जागती जा रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इंदौर में मेट्रो का पहला कॉरिडोर रिंग कॉरिडोर होगा। इस पर बने टू-वे पर लाइट मेट्रो दौड़ेगी। पलासिया से पलासिया तक बनने वाली 31 किमी की इस रिंग से राजबाड़ा, एयरपोर्ट, सुपर कॉरिडोर का सफर सुपर फास्ट ट्रैक पर आ जाएगा। टू-वे रूट की खासियत यह होगी, किसी भी यात्री को पलासिया से एयरपोर्ट जाने के लिए दोनों ट्रैक पर मेट्रो उपलब्ध रहेगी। वह अपनी सुविधा और समय के अनुसार सफर कर सकेगा। शहर को अगले तीन साल में अत्याधुनिक लोक परिवहन की सौगात मिल सकती है। सब ठीक रहा तो अगले एक-दो माह में प्रोजेक्ट पर काम भी शुरू हो जाएगा। राज्य सरकार ने आगामी वित्त वर्ष के बजट में 472 करोड़ रुपए का प्रावधान कर दिया है। जापानी कंपनी से भी पहले चरण के लिए 12000 करोड़ के लोन पर सहमति बन गई है। बस केंद्र सरकार से मिलने वाले तीन हजार करोड़ की स्वीकृति डीपीआर के साथ मिलने की उम्मीद है।
पलासिया-एयरपोर्ट-विजय नगर-पलासिया तक होगी रिंग
इंदौर में प्रस्तावित चार लाइनों में से पहले चरण में लाइन-3 पर काम शुरू किया जाएगा। पहले यह ट्रैक 28 किमी का था। बदलाव के बाद 31.55 किमी का हो गया है। यह रिंग मेट्रो ट्रैक होगा। टू-वे ट्रैक पर मेट्रो पलासिया से पलासिया के बीच दौड़ेगी। इस रूट का ट्रैक का ज्यादातर हिस्सा एलिवेटेड यानी जमीन के ऊपर रहेगा। राजबाड़ा जैसे सघन इलाके में मेट्रो अंडरग्राउंड हो जाएगी। विजय नगर से बीआरटीएस होते हुए पलासिया ट्रक को संशोधित करते हुए अब रिंग रोड से पलासिया तक लाया गया है।
एेसा था प्रस्ताव
पलासिया, हाई कोर्ट, रेलवे स्टेशन, राजबाड़ा, बड़ा गणपति, कालानी नगर, एयरपोर्ट, सुपर कॉरिडोर, एमआर-10, विजय नगर, मालवीय नगर, अपोलो चौराहा, पलासिया।
अब यह हुआ तय
पलासिया, हाई कोर्ट, रेलवे स्टेशन, जूनी इंदौर, राजबाड़ा, बड़ा गणपति, कालानी नगर, एयरपोर्ट, सुपर कॉरिडोर, एमआर-10, विजय नगर, रेडिसन चौराहा, खजराना, बंगाली चौराहा, पत्रकार कॉलोनी, पलासिया।
7 साल में 6 रूट्स
पहले चरण में एेसे रूट्स चुने हैं, जहां काम करने में आसानी होगी। बीआरटीएस से हटा कर मेट्रो को रिंग रोड पर लाया गया है। इससे नए व पुराने शहर को जोडऩे वाला एक बेहतरीन लोक परिवहन मिल सकेगा। 2018 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य है। डीपीआर मंे चरणबद्ध प्रोग्राम बनाया है। इसके अनुसार पूरा प्रोजेक्ट यानी सभी 6 रूट्स 7 साल में पूरे कर लिए जाएंगे।