इंदौर.शहर में होने वाले निर्माणों के एस्टीमेट ठेकेदार और पार्षद नहीं बना पाएंगे। यदि ऐसा होता है तो उसे आगे बढ़ाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इसकी जिम्मेदारी जोनल अधिकारियों की रहेगी। ये निर्देश सोमवार को निगमायुक्त मनीष सिंह ने जारी किए।
नगर निगम में टेंडर जारी करने के पहले अजीब खेल चलता रहा है। निगम अफसर जिसे टेंडर जारी करना चाहते थे, उस ठेकेदार या पार्षद से ही एस्टीमेट तैयार करवा लेते थे। इसके आधार पर फाइल तैयार होती थी। ये धांधली मुख्यत: जोनल स्तर पर होने वाले कामों में ज्यादा होती थी। इस पर निगमायुक्त ने अब सख्ती की है।
सोमवार को सभी अपर आयुक्तों, सिटी इंजीनियर्स सहित जोनल अधिकारियों को कहा है, वे इस बात को तय करें, निगम में काम से पहले लगने वाले एस्टीमेट निगम के इंजीनियरों ने अपने हाथों से बनाए हैं। एस्टीमेट किसी दूसरे की हैंडराइटिंग में नहीं होना चाहिए।
इसलिए जारी किए निर्देश
निगम के इंजीनियर रहे नरेश निहलानी की आत्महत्या के बाद में उनके जोन से किए गए कामों की फाइलों में ये बात सामने आई थी, काम का एस्टीमेट भी ठेकेदार ही तैयार करवा लेता था। बाद में उस पर इंजीनियर सिर्फ हस्ताक्षर करते थे। इसी तरह मेघदूत उपवन में 64 लाख के कामों की फाइलों में भी ये ही गड़बड़ी मिली थी, जिसके बाद निगमायुक्त ने ये निर्देश जारी किए हैं।