Divorce: संस्था के पास जो अर्जी आई हैं, उनमें इंदौर के परिवार ही नहीं बल्कि देश के अन्य शहरों के साथ पाकिस्तान के कराची से भी आवेदन आए हैं।
Divorce: परिवारों में कलह और बढ़ते तलाक के मामलों का मुख्य कारण बड़ी उम्र में होने वाली शादियां हैं। सिंधी समाज की पारिवारिक कलह को सुलझाने के लिए शुरू की गई सामाजिक संस्था सिंधू मुंहिंजी जीजल में आने वाले पारिवारिक कलह के मामलों के अध्ययन करने के बाद ये रिपोर्ट जारी की गई है। इसमें खुलासा किया गया है कि जिन पति-पत्नी के बीच विवाद सामने आ रहे हैं, उनमें से 67 फीसदी की शादी 26 से लेकर 32 साल की उम्र में हुई।
रिपोर्ट के अनुसार पति-पत्नी में होने वाले विवादों की मुख्य वजह ससुराल और मायके के रहन-सहन में असमानता और उसमें पति-पत्नी का एडजस्ट नहीं हो पाना मुख्य कारण हैं। इसके साथ ही कई छोटी-छोटी बातें भी पति-पत्नी में कलह का आधार बन रही हैं।
सिंधू मुंहिंजी जीजल में पारिवारिक कलह के बाद जो मामले सामने आ रहे हैं, उनमें महिलाओं की संख्या ज्यादा है। विवादों और उनके निराकरण की स्थिति को लेकर महिलाओं ने सबसे ज्यादा आवेदन दिए हैं।
संस्था के पास जो अर्जी आई हैं, उनमें इंदौर के परिवार ही नहीं बल्कि देश के अन्य शहरों के साथ पाकिस्तान के कराची से भी आवेदन आए हैं। कराची में रह रही निकिता ने भारत में रह रहे पति विक्रम की शिकायत की है। बताया कि वे दोनों पाकिस्तान से भारत आए थे, लेकिन पाकिस्तान लौटना पड़ा। पति भारत में व्यापार कर रहे थे, अब उन्हें भारत का वीजा नहीं मिल रहा। अब उनके पति भारत में दूसरी शादी करने की तैयारी कर रहे हैं, उन्होंने सगाई कर ली है।
रिपोर्ट के मुताबिक जिन पति-पत्नी के बीच में ज्यादा ऐज गेप हैं, उनके विवाह में अधिक परेशानियां आ रही हैं। संस्था के पास पारिवारिक कलह को लेकर जो मामले आए हैं, उनमें पति-पत्नी के बीच 5 साल से लेकर 27 साल तक के ऐज गेप के केस शामिल हैं। ये ऐज गेप दूरियां पैदा कर रहा है। जो केस विवाद के बाद आए, उसमें 23.6 फीसदी में पति-पत्नी के बीच उम्र का ज्यादा अंतर था।
सिंधी समाज ने समाज में बढ़ते पारिवारिक कलह के मामलों के निराकरण के लिए समाज के स्तर पर एक संस्था बनाई है। इस संस्था में दापत्य, पारिवारिक कलह, संपत्ति, आर्थिक और सामाजिक विवादों का निराकरण समाजजन के एक बोर्ड द्वारा करने की पहल की गई। इस बोर्ड में समाज के वरिष्ठजन, पूर्व न्यायाधीश, वकील, मनौवैज्ञानिक, एनआरआइ, व्यापारी, उद्योगपति आदि को शामिल किया गया। वे सोमवार से शुक्रवार सप्ताह में पांच दिन सभी पक्षों को सुनकर उनकी काउंसलिंग करने के साथ ही विवादों का निराकरण करने की कोशिश करते हैं। वहीं कलह के लगातार आ रहे मामलों के चलते सामाजिक चिंता बढ़ी है।
संस्था के पास ज्यादातर मामले पति-पत्नी के बीच विवाद और पारिवारिक कलह के आए हैं। संस्था मामलों में समझौता कराने का प्रयास करती है। जिन मामलों में परेशानियां ज्यादा होती हैं, उनमें तलाक या रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी जाती है। -किशोर कोडवानी, संस्थापक सिंधू मुंहिंजी जीजल