इंदौर. पंढरीनाथ स्थित प्राचीन इंद्रेश्वर महादेव के नाम पर ही शहर का नाम इंदौर हुआ। ४५०० वर्ष पुराने इस मंदिर के नाम से ही शहर का नाम इंदूर पड़ा, फिर बदलकर इंदौर हुआ। भगवान इंद्र को जब सफेद दाग की बीमारी हुई तो उन्होंने तपस्या की। इस पर उन्हें लाभ मिला। मंदिर की स्थापना करने वाले स्वामी इंद्रपुरी को भगवान ने सपना दिया कि मुझे खान नदी से निकलाकर स्थापित किया जाए। इस आधार पर इंद्रपुरी ने उनकी स्थापना नदी किनारे ही की। बाद में तुकोजीराव प्रथम ने मंदिर का जीर्णोद्धार किया। राज्य में कोई परेशानी आने पर वे भी इंद्रेश्वर महादेव की शरण में आते थे।