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कोर्ट में फेल हो चुकी देश की सबसे बड़ी ड्रग्स डील की कहानी

2021 के घटनाक्रम से समझें पुलिस की नाकामी

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कोर्ट में फेल हो चुकी देश की सबसे बड़ी ड्रग्स डील की कहानी

कोर्ट में फेल हो चुकी देश की सबसे बड़ी ड्रग्स डील की कहानी

इंदौर. शहर में बढ़ते नशे पर अंकुश क्यों नहीं लग रहा है और आरोपियों को सजा क्यों नहीं हो रही है...? इस सवाल का जवाब है कि पुलिस मुस्तैदी से कार्रवाई करने में नाकाम है। एक पुराने मामले को केस स्टडी के तौर पर देखें तो यह बात स्पष्ट हो जाती है। नशा कारोबारियों के खिलाफ उस वक्त तक देश की सबसे बड़ी ड्रग्स डील पकड़ने का दावा इंदौर पुलिस ने किया था, लेकिन अब कोर्ट में पुलिस की कहानी ही फर्जी बताई जा रही है। पुलिस कार्रवाई में खामियों के चलते आरोपियों को जमानत मिल गई है।5 जनवरी 2021 को पुलिस ने 70 किलो एमडी ड्रग्स पकड़ने का दावा किया था। पुलिस ने इंदौर में चार पहिया वाहन में सवार वेदप्रकाश व्यास निवासी तिरूमलगिरी (हैदराबाद), मांगी बैंकटेश निवासी जेटीमेडला जिला रंगारेड्डी (हैदराबाद) सहित इंदौर और मंदसौर के तीन आरोपियों दिनेश अग्रवाल, अक्षय अग्रवाल और चिमन अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। उनके पास से 70 किलो ड्रग्स जब्त की गई, जिसकी कीमत 70 करोड़ बताई गई। इसके अलावा पांचों के पास से 13 लाख से ज्यादा नकदी, 2 चार पहिया और 8 मोबाइल जब्त किए। पुलिस के मुताबिक, यह ड्रग्स हैदराबाद से इंदौर के जरिए साउथ अफ्रीका भेजने की तैयारी थी। इनकी निशानदेही पर बाद में 40 से ज्यादा और आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया गया।

कहानी में मोड़

आरोपी वेदप्रकाश व्यास ने हाई कोर्ट इंदौर में जमानत याचिका दायर की, जिसमें बताया गया कि व्यास और उनके ड्राइवर मांगी बैंकटेश का इंदौर पुलिस के सब इंस्पेक्टर नरेंद्र तिवारी, राकेश केवट, लक्ष्मण और जगदीश डांगी ने हैदराबाद से अपहरण किया और इंदौर में लाकर इस केस में आरोपी बना दिया। आरोपियों के साथ इंदौर पुलिस के संबंधित सभी पुलिसकर्मियों की मोबाइल कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) और टॉवर लोकेशन पेश की गई। इस रिपोर्ट में इंदौर पुलिस और दोनों आरोपियों के मोबाइल हैदराबाद से लेकर इंदौर तक एक ही समय पर एक ही मोबाइल टॉवर और एक ही इलाके में बताए गए। व्यास की ओर से पेश किए गए सबूत में दावा किया गया कि उन्हें इंदौर में नहीं, बल्कि हैदराबाद में पुलिस ने पकड़ा था। बाद में इन्हें इंदौर में पकड़ना बताया। पुलिस की इसी गड़बड़ कार्रवाई के चलते हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ से आरोपी को जमानत मिल गई। हालांकि यह मामला निचली अदालत में चल रहा है। इसी मामले में आरोपी अय्यूब शाह निवासी मंदसौर को भी ढाई साल से ज्यादा जेल में रहने के बाद हाई कोर्ट से जमानत मिली।

अफसरों ने बताया था सबसे बड़ी कार्रवाई

2021 में इंदौर पुलिस ने इसे देश में ड्रग्स के कारोबार पर तब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई बताया था। इंदौर के तत्कालीन एडीजी योगेश देशमुख और तत्कालीन डीआइजी हरिनाराणयचारी मिश्रा ने जमकर श्रेय भी लिया।