
कमलनाथ के ये मंत्री फिल्म ‘नायक’ वाले मूड में, तुरंत दे रहे आदेश
रणवीरसिंह कंग @ इंदौर. शहर के सरकारी अस्पतालों के दौरे के अगले दिन गुरुवार सुबह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसी सिलावट लोगों से मुलाकात करने रेसीडेंसी कोठी पहुंचे। कई लोगों ने काम कराने की सिफारिश की। अधिकतर उनके विभाग से अलग मुद्दे लेकर पहुंचे। कुछ लोगों ने इलाज में मदद मांगी तो मंत्रीजी ने फिल्म ‘नायक’ की तर्ज पर अधिकारियों को तुरंत इलाज कराने को कहा। अधिकतर इलाज सरकारी अस्पतालों में संभव नहीं है। एक ही निजी अस्पताल को मान्यता के कारण अधिकारियों के सामने कोई रास्ता नहीं बचा।
रेसीडेंसी कोठी पर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों सहित बड़ी संख्या में सिलावट समर्थक मौजूद थे। सिलावट का स्वागत करने के बाद लोगों ने समस्याएं बताना शुरू की। कोई अन्य विभाग में रिश्तेदार के ट्रांसफर की सिफारिश लेकर पहुंचा तो कोई अन्य समस्या लेकर। सिलावट ने सभी के काम कराने का आश्वासन दिया। जूनियर डॉक्टरों व नर्सिंग विद्यार्थियों ने नौकरी व अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन दिए। कर्मचारी संगठनों ने भी समस्याएं गिनाईं। सांवेर विधानसभा से पहुंचे लोगों से बात करने के लिए सिलावट जमीन पर बैठ गए और कहा, अगली बार आपको आने की जरूरत नहीं है, मैं आपकी समस्या सुनने वहां आऊंगा।
मान्यता खत्म, अब कैसे होगा इलाज
सिलावट से मिलने वाले लोगों की समस्या सुलझाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जडिय़ा, सिविल सर्जन डॉ. एमपी शर्मा, पीसी सेठी अस्पताल के प्रभारी डॉ. माधव हसानी, एमवाय अस्पताल के डॉ. सुमित शुक्ला सहित अन्य मौजूद थे। 15 मरीजों के परिजन इलाज की मदद मांगने पहुंचे। इनमें तीन केस एमवाय अस्पताल भेजे गए, दो मरीजों के डायलिसिस की व्यवस्था हुकमचंद पॉलीक्लिनिक पर की गई। अन्य मरीज किडनी ट्रांसप्लांट, बायपास या दिल की बीमारियों से संबंधित थे। एमवाय सहित किसी सरकारी अस्पताल में हार्ट सर्जरी की व्यवस्था नहीं होने से मरीजों को राज्य बीमारी सहायता निधि से दो लाख रुपए तक की मदद दी जाती है। 31 दिसंबर को मेदांता को छोड़ अन्य अस्पतालों की मान्यता खत्म हो चुकी है।
मुझे जिम्मेदारी संभाले दो दिन हुए हैं। मैं आश्वासन व घोषणा नहीं कर रहा हूं। हमारे मुख्यमंत्री ने कहा है, घोषणाएं अधिकारी करेंगे। मैं लोगों से समस्याएं एकत्र कर रहा हूं।
तुलसी सिलावट, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री
स्वास्थ्य विभाग से संबंधित मामलों में मरीजों की हरसंभव मदद की कोशिश की है। राज्य बीमारी सहायता निधि की मान्यता 31 मार्च तक बढ़ाने संबंधी कोई पत्र अब तक नहीं मिला है। फिर भी अपने स्तर पर मरीजों को इलाज मुहैया करा रहे हैं।
डॉ. प्रवीण जडिय़ा, सीएमएचओ, इंदौर
मेदांता को छोड़ अन्य निजी अस्पतालों की मान्यता खत्म हो चुकी है। मुख्यालय में संपर्क करने पर 31 मार्च तक मान्यता बढ़ाने की बात कही है। अस्पताल मान्यता लेटर जारी होने पर भी इलाज करते हैं। इस कारण समस्या आ रही है।
डॉ. सतीश त्रिवेदी, नोडल अधिकारी, राज्य बीमारी सहायता निधि
नहीं मिला आदेश, बच रहे निजी अस्पताल
मान्यता खत्म होने की समस्या पूरे प्रदेश में सामने आ रही है। स्वास्थ्य संचालनालय स्तर पर 31 मार्च तक मान्यता बढ़ाने की बात कही गई थी, लेकिन आदेश जारी नहीं हुआ। नई सरकार होने के कारण बिना मान्यता निजी अस्पताल भी इलाज करने से बच रहे हैं।
Published on:
04 Jan 2019 10:42 am
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