
दूषित पानी से हाहाकार केस में कड़ा एक्शन (Photo Source- Patrika)
Indore Contaminated Water Case : देश के सबसे स्वच्छ शहर का सम्मान रखने वाले मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में गंदा पानी पीने मौतों के मामले में एक्शन हुआ है। मुख्यंमत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर जोन क्रमांक 4 के जोनल अधिकारी, सहायक यंत्री को निलंबित किया गया है। जबकि उपयंत्री को तत्काल प्रभाव से सेवा से पृथक किया गया है। वहीं, इस मामले में जांच के लिए समिति गठित की गई है। यही नहीं, घटना को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजन को दो-दो लाख रुपए मुआवजा राशि देने की घोषणा की है।
इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा ने बताया कि भागीरथपुरा मामलें में जोनल अधिकारी शालिग्राम सितोले, सहायक यंत्री योगेश जोशी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। साथ ही प्रभारी उपयंत्री पीएचई शुभम श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से सेवा से पृथक किया गया है।
इस संबंध में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने खुद भी जानकारी देते हुए एक्स पर पोस्ट किया है कि, 'इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी से नागरिकों के संक्रमित होने की घटना को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए संबंधित जोनल अधिकारी जोन क्रमांक 4, सहायक यंत्री एवं प्रभारी सहायक यंत्री PHE को तत्काल प्रभाव से निलंबित एवं प्रभारी उपयंत्री PHE को तत्काल प्रभाव से सेवा से पृथक किया गया है। घटना की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की जांच समिति गठित की गई है। लोगों के स्वास्थ्य के साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।'
सीएम के नि्देश पर मामले की जांच के लिए 3 सदस्यों की एक समिति गठित की गई है। समिति आईएएस नवजीवन पंवार के निर्देशन में जांच करेगी। जांच समिति में प्रदीप निगम, सुप्रिडेंट इंजीनियर और मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शैलेश राय को भी शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घटना पर दुख भी वयक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक अन्य पोस्ट करते मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इलाजरत प्रभावितों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। साथ ही, मृतकों के परिजन को 2-2 लाख रुपए की सहायता राशि देने का ऐलान भी किया है। उन्होंने कहा कि, सभी मरीजों के इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी। स्थिति पर नजर रखने और प्रभावी कार्रवाई के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि, शहर के भागीरथपुरा इलाके में बीते कुछ दिनों से लोग उल्टी-दस्त और पेट दर्द के साथ बुखार की समस्या से ग्रस्त थे और जिम्मेदारों से मामले की शिकायत कर रहे थे। जांच में पता चला कि, नर्मदा जल की मुख्य पाइपलाइन में लीकेज था, जो पुलिस चौकी के पास सार्वजनिक शौचालय के नीचे से गुजर रही थी। इससे गंदा पानी सीधे पीने के पानी में मिल गया, जिसके चलते अबतक 8 लोगों की जान जाने की जानकारी सामने आ चुकी है, जबकि 100 से ज्यादा मरीज शहर के अलग अलग अस्पतालों में भर्ती हैं, जबकि करीब 1200 बीमारी की चपेट में हैं।
Published on:
31 Dec 2025 12:36 pm
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