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ऐसी है एमपी की आइटी पॉलिसी, रोजगार बढ़ाओ, सरकार से आर्थिक मदद भी पाओ

सरकार का साथ: आइटी पार्क-प्लग एंड प्ले सेंटर खोलने पर सहयोग, निर्माण पर लोन लिया तो ब्याज में मदद, नई इकाई खोलने पर कर्मचारी के वेतन भुगतान में भी होगा शासन का हिस्सा  

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ऐसी है एमपी की आइटी पॉलिसी, रोजगार बढ़ाओ, सरकार से आर्थिक मदद भी पाओ

ऐसी है एमपी की आइटी पॉलिसी, रोजगार बढ़ाओ, सरकार से आर्थिक मदद भी पाओ

प्रमोद मिश्रा
सरकार की आइटी, इएसडीएम इन्वेस्टमेंट पॉलिसी 2023 में नए निवेश के साथ रोजगार बढ़ाने पर जोर है। सरकार ने 5 साल में आइटी सेक्टर में 2 लाख नए रोजगार सृजन व 10,000 करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखते हुए कई रियायत व आर्थिक मदद का प्रावधान किया है। प्राइवेट डेवलपर अगर आइटी पार्क प्लग एंड प्ले सेंटर को वर्किंग सेंटर बनाकर युवाओं को व्यवसाय शुरू करने की जगह देता है तो सरकार आर्थिक मदद करेगी। ब्याज में भी हिस्सा रहेगा। नई इकाई में कर्मचारी रखने पर वेतन में भी सरकार हिस्सा देगी।

पिछली सरकार की आखिरी कैबिनेट बैठक में आइटी पॉलिसी को मंजूरी दी थी। उसका प्रारूप अब सामने आया है। आइटी, इएसडीएम इन्वेस्टमेंट पॉलिसी 2023 में सरकार ने निवेश के साथ रोजगार बढ़ाने पर जोर दिया है। ग्रामीण इलाकों में भी निवेश को प्रोत्साहित करने के प्रावधान किए हैं। आइटी विभाग के अफसरों के मुताबिक, नई सरकार के आइटी मिनिस्टर की तैनाती के साथ ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।
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पॉलिसी के लक्ष्य
प्राइवेट डेवलपर्स के लिए ज्यादा प्रावधान हैं, ताकि वे कंपनियों को लाने व रोजगार निर्मित करने के लिए आइटी पार्क, को वर्किंग स्पेस व प्लग एंड प्ले सुविधा विकसित कर युवाओं को आगे बढ़ने का मौका दें।
- 5 साल में 2 लाख नए रोजगार आइटी, इएसडीएम सेक्टर में लाने का लक्ष्य है।
- 10,000 करोड़ का निवेश प्राप्त करना है।
- 10 मिलियन स्क्वेयर फीट इलाके में आइटी पार्क, आइटी बिल्डिंग, प्लग एंड प्ले स्पेस निर्मित करने का लक्ष्य है।
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ये हैं सेक्टर
आइटी (इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी) सेक्टर: कॉल सेंटर, मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन, बीपीओ, आइटी सपोर्ट सेंटर, वेबसाइट सर्विस, एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट, गैमिंग, कॉमिक आदि।
इएसडीएम (इलेक्ट्राॅनिक सिस्टम डिजाइन एंड मैन्यूफैक्चरिंग) सेक्टर: टेलीकॉम सिस्टम, मोबाइल, आइटी सिस्टम, हार्डवेयर, कंज्यूमर, मेडिकल, इंडस्ट्रियल इक्यूपमेंट, सेमी कंडक्टर, ई वेस्ट निपटान आदि।
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10 करोड़ के निवेश में 25 प्रतिशत सरकार का हिस्सा
- आइटी यूनिट्स की स्थापना को प्रोत्साहित करने वाली पॉलिसी में कैपिटल असिस्टेंट मॉडल लाए हैं। कंपनी अगर 10 करोड़ का इन्वेस्टमेंट करती है तो सरकार 4 साल में उसे निवेश के 25 प्रतिशत का भुगतान करेगी। महिला इंटरप्रिन्योर के लिए 2 प्रतिशत अतिरिक्त का प्रावधान है। अगर 10 से 25 करोड़ का निवेश होता है तो पांच साल में और 50 करोड़ से ज्यादा के निवेश पर 7 साल में राशि वापस की जाएगी।
- इएसडीएम इकाई के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर पर 40 प्रतिशत की अदायगी शासन करेगा। आइटी यूनिट की तरह ही इसका प्लान चलेगा। डाटा सेंटर खोलने पर भी शासन इसी तरह अदायगी करेगा। दोनों में कैपिटल निवेश पर ब्याज में 6 प्रतिशत का भुगतान शासन की ओर से होगा। 5 साल में अधिकतम एक करोड़ के ब्याज का रीइंबर्समेंट किया जाएगा।
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रेंटल असिस्टेंट मॉडल: ए कैटेगरी में इंदौर तो बी में सागर
खुद की इकाई शुरू करने के लिए अगर किराए पर जगह ली जाती है तो उसमें भी सरकार मदद करेगी। प्रदेश के शहरों को ए और बी कैटेगरी में बांटा है। ए कैटेगरी में शामिल भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन में को वर्किंग स्पेस के किराए में 3 हजार प्रतिमाह और बी कैटेगरी में शामिल सागर, छिंदवाड़ा, सतना, विदिशा, धार, देवास, रायसेन में 1500 रुपए प्रतिमाह मदद की जाएगी। 3 साल तक मदद का प्रावधान है।
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कर्मचारियों के मामले में भी मदद

- खुद की इकाई शुरू करने पर कर्मचारी नियुक्त करने में भी सरकार मदद करेगी। इसके तहत ऐसी इकाई, जो भविष्य निधि जमा करती है उसे एक हजार कर्मचारियों की नियुक्ति तक एक कर्मचारी के लिए 4 हजार रुपए की मदद मिलेगी।

- एक हजार से 1500 तक कर्मचारी होने पर 4500 रुपए और 1500 से 2000 कर्मचारी होने तक 5 हजार रुपए प्रति कर्मचारी 3 साल तक मिलेगा।

- ग्रामीण इलाके में 200 की क्षमता वाली बीपीओ शुरू करने पर प्रति कर्मचारी 5 हजार की सहायता दी जाएगी।

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मार्केटिंग पॉलिसी में भी मदद

पात्र इकाइयां राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में मार्केटिंग के उद्देश्य से भाग लेती हैं तो उन्हेें खर्च पर 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। अंतरराष्ट्रीय आयोजन के लिए 2 लाख व राष्ट्रीय आयोजन के लिए अधिकतम एक लाख की सब्सिडी का प्रावधान है।

- गुणवत्ता प्रमाण-पत्र प्राप्त करने की लागत का 50 प्रतिशत सरकार भुगतान करेगी। इसकी अधिकतम सीमा 6 लाख होगी।

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इंदौर में 500 आइटी कंपनियां तो 700 स्टार्टअप

इंदौर को आइटी पॉलिसी से बहुत लाभ मिलना है। इंदौर में करीब 500 आइटी कंपनियां तो 700 स्टार्टअप हैं। करीब 20 प्लग एंड प्ले सेंटर चल रहे हैं, जो काफी कम हैं। दो आइटी पार्क शुरू हो गए हैं। 2 का निर्माण चल रहा है। पॉलिसी से नए लोगों को काम करने के लिए स्पेस मिलेगा।

पॉलिसी में रोजगार पर जोर

आइटी पॉलिसी रोजगार पर आधारित है। रोजगार के विकल्प खुलें, इसलिए सरकार ने सब्सिडी का भी प्रावधान किया है, जो उल्लेखनीय है। सर्विस प्रोवाइडर को सब्सिडी मिलने से नई कंपनी शुरू करने वालों को बड़ी मदद मिलेगी।

सावन लड्ढा, सचिव, इन्वेस्ट एमपी