
ADVENTURE : इंदौर के ट्रैकर्स ने वादियों में ढूंढ़ा नया पिकनिक स्पॉट, आप भी यहां करें एंजॉय
इंदौर. पातालपानी, तिंछाफॉल आदि जगहें इतनी बार देखी जा चुकी हैं कि शहर के एडवेंचर प्रेमियों को अब आकर्षित नहीं करतीं। वे जिनके बारे में लोग कम जानते हैं ऐसी जगह तलाश करते हैं। इसी तलाश में यूथ होस्टल का ग्रुप सात इमली पहुंचा। यहां घाटियां हैं, बरसाती नदी, झरना और भरपूर हरियाली है।
हरिओम राठौर के नेतृत्व में करीब 80 सदस्यों के दल ने पूरा दिन सात इमली में बिताया। इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन यूथ होस्टल में इस बार एक अमरीकन सदस्य एलिजा और फ्रांस की गैली लिहार्डा भी शामिल हुईं। गर्मी होने के बावजूद दोनों ने इस ट्रैक को एंजॉय किया। ट्रैकिंग ग्रुप के सदस्य स्वप्निल फणसे ने बताया कि नेमावर रोड पर कंपेल से करीब 15 किलोमीटर दूर सलियाखेड़ी गांव है। यहां से चार-पांच किलोमीटर ट्रैकिंग करते हुए सात इमली पहुंचा जा सकता है। यहां घाटी में उतरना होता है। यहां पास-पास सात इमली के पेड़ लगने होने से गांव वाले इसे सात इमली कहते हैं। यहां बरसाती नदी और घाटी है। आसपास की पहाडि़यों पर हरियाली से पूरा दृश्य खूबसूरत लैंडस्केप बन जाता है। फणसे ने बताया, होस्टल के सभी सदस्य घर में आम या जामुन खाते हैं तो गुठलियां संभलकर रखते हैं। यहां भी हम गुठलियां लेकर गए और जंगल में जहां खाली जगह देखी थोड़ी सी मिट्टी खोदकर उनमें डाल दीं। हो सकता है इस कोशिश से वहां कुछ और पेड़ उग जाएं।
फॉरेनर्स को भाया देसी फूड
अमरीका की एलिजा और फ्रांस की गैली लिहार्डा ने सात इमली के ट्रैक को काफी एंजॉय किया। गर्मी और उमस भरे मौसम ने उन्हें परेशान किया लेकिन इसके बावजूद वो ट्रैक में पूरी तरह सक्रिय रहीं। एलिजा और गैली ने गांव के समोसे और पोहे खाए। चटपटे इंडियन फूड की तारीफ की। दोनों का कहना है कि एडवेंचर के शौक की वजह से वे यहां आई हैं पर इस तरह की यात्राएं उन्हें भारत को समझने का मौका भी देते हैं।
ग्रामीणों का लेते हैं सहयोग
हरिओम राठौर ने कहा, हम जब भी ट्रैकिंग पर जाते हैं स्थानीय ग्रामीणों को साथ लेते हैं, ताकि जंगल में रास्ता न भटकें। हम खाना और नाश्ता भी गांव के लोगों से ही खरीदते हैं। जंगल में अनजान जगहों पर स्थानीय ग्रामीणों की मदद बहुत काम आती है।
Published on:
11 Jul 2018 01:29 pm
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