
120000000 की स्मार्ट सड़क, हजारों कब्जे, सैकड़ों अफसरी आंखें देखती ही नहीं
इंदौर. स्मार्ट सिटी की सड़कों पर करोड़ों रुपए खर्च करने और सैकड़ों घरों पर बुलडोजर चलाने वाला नगर निगम वाहनों को चलने की पर्याप्त जगह नहीं दे पा रहा है। सड़कों को चौड़ा करने के बाद कब्जे होने से सड़कें संकरी हो गई हैं। ऐसी दुर्गति जयरामपुर से गौराकुंड चौराहे तक की सड़क पर देखी जा सकती है।
जयरामपुर से गौराकुंड तक की सड़क का निर्माण वर्ष 2020 में पूरा हुआ था। 12 करोड रुपए की लागत से 80 फीट चौड़ी सड़क बनाई गई थी। इस सड़क से लगे सीतला माता बाजार, इतवारिया बाजार, नृसिंह बाजार, कपड़ा मार्केट, मारोठिया और सांठा बाजार व्यापारिक क्षेत्र हैं। जयरामपुर कॉलोनी, दरगाह चौराहा और छत्रीबाग व्यावसायिक होने के साथ रहवासी क्षेत्र भी है। यहां हर समय ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है। सड़क बनने से पहले और बाद की स्थितियों में कोई फर्क नहीं आया है, क्योंकि अफसर कब्जे हटाने में नाकाम रहे हैं।
सड़क तक दुकानें, पार्किंग ने छोटी कर दी सड़क
जयरामपुर से गौराकुंड तक दोनों ओर वाहन खड़े रहते हैं। कई गाडि़यों पर जमी धूल से स्पष्ट है कि ये स्थायी रूप से यहां रहती हैं। नृसिंह बाजार और सीतला माता बाजार स्थित कपड़ों की दुकान के कब्जे बाहर तक हैं। सामान सड़क तक रखा रहता है। इसके बाद वाहनों की पार्किंग होने से सड़क पर जगह ही नहीं बचती है। सड़क पर रेहड़ी वाले भी देखे जा सकते हैं। फुटपाथ तो यहां दिखाई ही नहीं देता है।
यहां लगता है जाम
दरगाह चौराहा, नृसिंह बाजार, सांठा बाजार चौराहा से लेकर सीतला माता बाजार और गौराकुंड तक जाम लगा रहता है। घंटों तक वाहन उलझते रहते हैं। दरगाह चौराहा, सांठा बाजार, गौराकुंड और नृसिंह बाजार चौराहे के लेफ्ट-राइट टर्न पर भी कब्जे हैं।
Published on:
28 Nov 2023 10:11 pm
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