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ट्रैफिक पुलिस अटैच, खाकी वर्दी में ही कर रहे ड्यूटी

- 200 के लगभग जवान मिले थे ट्रैफिक संभालने के लिए

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इंदौर

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Manish Yadav

Aug 04, 2023

पुलिस हुआ ठगी का शिकार

पुलिस हुआ ठगी का शिकार

मनीष यादव@ इंदौर।

ट्रैफिक पुलिस के जवानों की पहचान उनकी सफेद ड्रेस होती है। इंदौर में ट्रैफिक पुलिस का बल भी खाकी वर्दी में ही नजर आ रहा। कमिश्नर सिस्टम लागू हुए एक साल से ज्यादा हो गया, लेकिन बल की ड्रेस अब तक नहीं बन पाई। वह अब भी खाकी वर्दी में ही नौकरी कर रहा है। कारण जान कर आप भी हैरान रह जाएंगे। वह बाहर से आकर यहां ड्यूटी कर रहे हैं। वे अब भी यहां पर अटैच हैं। यहां पर मूल रूप से पदस्थ नहीं हैं। दिसंबर 2021 में इंदौर में कमिश्नर सिस्टम लागू कर दिया गया। सिस्टम लागू होने के बाद पुलिस जवान इंदौर पुलिस को मिले। इनमें से करीब 200 जवानों को ट्रैफिक पुलिस को दिया गया ताकि शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने में मदद कर सके। इस बल को दो हिस्सों में बांट दिया गया। 97 जवानों को पूर्वी क्षेत्र में तो 99 को पश्चिम क्षेत्र में लगाया गया। इन जवानों की ट्रैफिक पुलिस में नियुक्ति हुए एक वर्ष से अधिक समय हो गया। इसके बाद भी उनके पास में ट्रैफिक पुलिस की वर्दी नहीं है। वे अब भी खाकी वर्दी में ही अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। उनकी इस ड्रेस से चौराहा पर कई बार वाहन चालक भ्रमित हो जाते है। उन्हें लगता है कि थाने का बल सुरक्षा व्यवस्था की ड्यूटी के लिए लगाया गया है। इससे वह उनकी ओर से दिए गए संकेत समझ नहीं पा रहे हैं। इसके चलते चौराहा पर यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है। ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों की मानें तो बल तो मिल गया, लेकिन उनकी मूल पदस्थापना इंदौर में नहीं की गई। वह भी बाहर से व्यवस्था बनाने के लिए बल की तरह ही अटैच ही हैं। इसी के चलते उन्हें इंदौर ट्रैफिक पुलिस का हिस्सा नहीं माना जा रहा। उन्हें ट्रैफिक पुलिस की वर्दी पहनने के लिए आदेश जारी नहीं किया जा सका और वह खाकी वर्दी में ही ड्यूटी कर रहे हैं।