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इंदौर. जिला प्रशासन से एक महिला ने गुहार लगाई थी कि उसे उसका बेटा दिलवाया जाए। इस पर संबंधित विभागों से रिपोर्ट मंगाई गई तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। बालक पर दो महिलाएं अपना बेटा होने का दावा कर रही हैं। पुलिस दोनों के आपराधिक रिकॉर्ड देखकर संदिग्ध मान रही है।
किशनपुरा शिवाजी मार्केट टेम्पो स्टैंड पर रहने वाली कलाबाई पति रामसिंह ने कुछ दिनों पहले कलेक्टर से गुहार लगाई थी कि उसे उसका 10 वर्षीय बेटा दिलवाया जाए। इसको लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग को जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए। विभाग ने भी प्रकरण को समझकर बाल कल्याण समिति जिला इंदौर व पंढरीनाथ थाना प्रभारी से प्रतिवेदन बुलवाया।
दोनों ही विभागों ने अपना-अपना प्रतिवेदन पेश किया, जिसके आधार पर अपर कलेक्टर को चौंकाने वाली रिपोर्ट भेज दी गई। उसके मुताबिक मेघदूत नगर निवासी उर्मिला पति सुरेश की शिकायत के बाद पंढरीनाथ पुलिस बच्चे को थाने लाई थी। उसका कहना था कि कलाबाई उसके बेटे को वापस नहीं दे रही है। कहना था कि उर्मिला बच्चे की जैविक माता है और कलाबाई ने उसका पालन-पोषण किया है। पुलिस ने जब दोनों से जन्म के दस्तावेज मांगे तो वे पेश नहीं कर पाईं। इस पर पुलिस ने चाइल्ड लाइन को सूचना दी। बालक को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया। समिति ने बालक को संरक्षण में लेकर सामाजिक संस्था सागर को सौंप दिया। इस रिपोर्ट के बाद अपर कलेक्टर भी शिकायत को नस्तीबद्ध कर समिति के फैसले को उचित मान रहे हैं।
पुलिस ने माना संदिग्ध
बाल कल्याण समिति ने प्रकरण की जांच की। उसके मुताबिक उर्मिला ने बाद में बालक के संबंध में जन्म प्रमाण पेश किया, किंतु उसका पालन-पोषण दस साल से कलाबाई कर रही है। पुलिस रिपोर्ट में उर्मिला व कलाबाई दोनों ही संदिग्ध हैं। उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। ऐसी स्थिति में दोनों को बच्चा सौंपा जाना ठीक नहीं है। समिति ने बालक को संरक्षण में लेकर संस्था सागर को सौंप दिया। वर्तमान में बालक के प्रकरण में समिति निराकरण किया जाना है। बालक के सर्वोत्तम हित को देखते हुए उसे संस्था में आश्रय दिया गया है और किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है।
Updated on:
17 Jun 2019 03:32 pm
Published on:
17 Jun 2019 03:05 pm
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