23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पहली बार शमशान में जलती चिताओं के बीच रची कलाकृतियां, वजह जान रह जाएंगे दंग

जिसने भी देखा ये नजारा यकीन नहीं हुआ आंखो पर, उड़ गए होश

2 min read
Google source verification

इंदौर

image

Amit Mandloi

Aug 20, 2018

shamshan

पहली बार शमशान में जलती चिताओं के बीच रची कलाकृतियां, वजह जान रह जाएंगे दंग

इंदौर. आपने आज तक गार्डन और होटल्स में आर्ट कैम्प लगने की खबरे तो सुनी होगी लेकिन शमशान में आर्ट कैम्प की बात शायद कभी नहीं। ऐसा पहली बार देखने को मिला जब कलाकारों ने जलती चिताओं के बीच चित्रकारी की। जिसने भी ये नजारा देखा उसके लिए यकीन कर पाना मुश्किल हो गया। रामबाग मुक्तिधाम में सुबह जहां चिताएं जल रही थीं वहीं उनकी लपटों की पृष्ठभूमि में कुछ चित्रकार पेंटिंग कर रहे थे, शिल्प गढ़ रहे थे और स्केचिंग कर रहे थे। चिताओं से उड़ती राख के अंश कलाकारों तक आ रहे थे, मुक्तिधाम में आए लोगों को ये नजारा अटपटा लग रहा था और कला के क्षेत्र में ये अटपटा प्रयोग हुआ भी पहली बार। दरअसल रविवार को संस्था आर्ट एन हार्ट ने रामबाग श्मशान में आर्ट कैंप रंग भस्म का आयोजन किया, जिसमें सुबह 11.00 से 4.00 बजे तक कलकारों ने यहां पेंटिंग्स और मूर्ति शिल्प रचे।

रंग भस्म आर्ट कैंप के संयोजक और चित्रकार प्रदीप कनिक ने कहा, सावन का महीना शिव आराधना का महीना माना जाता है और शिव मृत्यु के देव हैं, इसलिए इस महीने में श्मशान में आर्ट कैंप लगाने का विचार आया, क्योंकि मृत्यु शाश्वत है, निश्चित है फिर भी हम मृत्यु से भयभीत रहते हैं। इसका विषय हमने विश्व शांति रखा है। कनिक ने जो पेंटिंग बनाई, उसमें उन्होंने भगवान शिव के विष पीने को प्रतीकात्मक ढंग से दिखाया। साथ ही शांति के प्रतीक कबूतर के साथ जीवन और मोक्ष का चित्रण किया।

बुद्ध पर पेंटिंग

अमिता पांचाल ने भगवान बुद्ध से जुड़ी एक कहानी पर पेंटिंग बनाई जिसमें वे पुत्र की मृत्यु से व्यथित उस महिला को मृत्यु की वास्तविकता बताते हैं, जब वह उनसे पुत्र को जीवित करने को कहती है। अमिता ने एक और पेंटिंग बनाई, जिसमें गौतम बुद्ध शिष्यों को उपदेश दे रहे हैं। आशीष कर्णिक ने शिवलिंग को मानवीय चेहरे के साथ जोड़कर पेंटिंग बनाई, जिसमें फूलों की आकृतियां उसे विशेष अर्थ दे रही थी। हरीश नायक ने भी भगवान शिव को उनसे जुड़े प्रतीकों के साथ रचा।

पूर्व पीएम का मूर्ति शिल्प

वरिष्ठ कलाकार अजय पुन्यासी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का मूर्तिशिल्प बनाया। क्ले से बनाया गया शिल्प कैंप में आकर्षण का केन्द्र रहा। खास बात ये थी कि पुन्यासी ने ये शिल्प फोटो सामने रख कर नहीं बनाया, बल्कि स्मृति के आधार पर ही अटलजी के चेहरे की रेखाआंे को उभारा।

शांति-अशांति को रचा

दीपक पांचाल ने शांति और अशांति को दो अलग रंगों में रचकर उनमें अंतर दिखाने की कोशिश की। सॉफ्ट रंगों में गौतम बुद्ध का आधा चेहरा बनाते हुए शेष आधे हिस्से में काले रंग में आतंकवादी का चेहरा बनाया और काले रंग में ही बंदूक आदि भी दिखाई। मृत्युंजय पुन्यासी ने युद्ध और शांति के प्रतीकों के साथ पेंटिंग बनाई। जयंत वालवेकर ने चिताओं और आत्मा को प्रतीकात्मक तरीके से रचा तो सुनील व्यास ने पेटिंग करते हुए एक साथी का लाइव स्केच बनाया।