scriptटंट्या मामा के ताबीज से ठीक होते हैं बीमार लोग, कोरोना पर पर्यटन मंत्री का अजीबोगरीब बयान | usha thakur statement tantya mamas amulet gives health benefits | Patrika News

टंट्या मामा के ताबीज से ठीक होते हैं बीमार लोग, कोरोना पर पर्यटन मंत्री का अजीबोगरीब बयान

locationइंदौरPublished: Dec 02, 2021 03:04:02 pm

Submitted by:

Manish Gite

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर का एक और बयान, कोरोना को लेकर दिया ऐसा बयान…।

usha.png

 

भोपाल। अक्सर बयानों से सुर्खियों में रहने वाली पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर (tourism and culture minister) का ताजा बयान आया है। इंदौर जिले के पातालपानी में टंट्या मामा के ‘बलिदान दिवस’ के आयोजन में एक लाख लोगों के आने पर कोरोना फैलने के सवालों पर यह बात कही है। उषा ठाकुर ने कहा कि मेरी दृढ़ आस्था और विश्वास है कि कुछ नहीं होगा। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि टंट्या मामा के ताबीज से बीमार लोग स्वस्थ हो जाते हैं। टंट्या मामा का मंदिर असीम आस्था का केंद्र है। किसी को कुछ नहीं होगा।

 

दुनियाभर में कोरोना के नए वैरिएंट की दहशत है, सभी देश सतर्क हैं, गाइडलाइन तय कर रहे हैं, मास्क लगाने और भीड़ जुटाने पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, इस बीच मध्यप्रदेश की संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर के इस बयान से सभी को चौंका दिया।

 

जब संवाददाताओं ने उनसे पूछा कि इंदौर जिले के पातालपानी में आयोजित टंट्या भील (tantya mamas) के ‘बलिदान दिवस’ के कार्यक्रम में एक लाख लोग जुटाने का लक्ष्य रखा है, इतनी भीड़ से कोरोना फैल सकता है, इस सवाल पर उषा ठाकुर ने जवाब दिया कि टंट्या मामा का ताबीज पहनने वाले स्वस्थ हो जाते हैं। यह आस्था का केंद्र है। इतने बड़े क्रांतिकारी को हम प्रणाम करने जा रहे हैं। किसी तरह का कोई व्यवधान नहीं होगा।

 

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश सरकार 4 दिसंबर को टंट्या भील (टंट्या मामा) के बलिदान दिवस के मौके पर इंदौर जिले की महू तहसील में पातालपानी में उनकी प्रतिमा का अनावरण करेंगे। वहीं इस आयोजन में एक लाख से अधिक आदिवासी समुदाय के लोगों के आने का अनुमान है।

 

हवन करने से नहीं आएगी तीसरी लहर

इससे पहले उषा ठाकुर उस समय सुर्खियों में आ गई थी जब उन्होंने इंदौर में देवी अहिल्या बाई एयरपोर्ट पर कोरोना महामारी को लेकर विशेष अनुष्ठान किया था। उस दौरान उषा ठाकुर ने पूजा करते हुए जमकर तालियां बजाई थीं। उन्होंने इस दौरान यह दावा भी किया था कि सूर्योदय और सूर्यास्त के समय गाय के गोबर के कंडे लेकर हवन करना चाहिए और गो-घी की आहुतियां डालने से पूरा घर 12 घंटे तक संक्रमणमुक्त हो जाता है। उषा ठाकुर यहीं नहीं रुकी, उन्होंने कहा था कि यज्ञ पर्यावरण को शुद्ध करने की एक चिकित्सा है। यह कर्मकांड नहीं है। हम सब यज्ञ में दो-दो आहुतियां डालकर अपने खाते का पर्यावरण शुद्ध करें। इससे तीसरी लहर भारत को छू भी नहीं सकती है।

 

https://www.dailymotion.com/embed/video/x8609io

कृषि मंत्री ने की थी मामा शिवराज की टंट्या मामा से तुलना

इससे दो दिन पहले प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल भी अपने बयानों से चर्चा में आ गए थे। बाद में उन्हें माफी मांगनी पड़ी। दरअसल, खरगोन जिले टंट्या मामा की गौरव यात्रा के दौरान एक सभा में शिवराज सिंह चौहान की तुलना टंट्या मामा से कर दी थी। कमल पटेल ने कहा था कि क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या मामा थे। दूसरे हमारे मामा शिवराज सिंह चौहान हैं। टंट्या मामा का जन्म अट्ठारह सौ बयासी में हुआ और 47 साल की उम्र में देश के लिए शहीद हो गए। हमारी संस्कृति में यह माना जाता है कि पुनर्जन्म होता है। एक मामा टंट्या भील हुए और दूसरे मामा शिवराज सिंह चौहान।

 

 

kamal_patel.jpg

पटेल यहीं नहीं रुके, उन्होंने शारीरिक और व्यावहारिक स्थिति का भी विश्लेषण कर दिया। उन्होंने कहा कि टंट्या मामा दुबले-पतले थे, हमारे शिवराज भी दुबले-पतले हैं, इसलिए उन्हें भी मामा कहते हैं। टंट्या मामा कन्याओं का विवाह कराते थे। हमारे मामा भी कन्याओं का विवाह कराते हैं। टंट्या मामा बड़े लोगों को लूटकर गरीबों में बांट देते थे। हमारे मामा लूटते नहीं। वो बड़े लोगों पर टैक्स लगाकर उसे गरीबों में बांटते हैं। यह समझो कि टंट्या मामा का पुनर्जन्म शिवराज सिंह चौहान के रूप में हुआ है। जो पूरे पप्रदेश को अपना परिवार मानकर आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। इस बयान के वायरल होने के बाद कमल पटेल ने सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो