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चालान घर पहुंचने पर भी नहीं भरा तो रद्द हो जाएगा आपका लायसेंस

ट्रैफिक सिग्नल तोड़ते ही अब आपके घर चालान पहुंच जाएगा, जिसे आपको तुरंत भरना होगा.

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चालान घर पहुंचने पर भी नहीं भरा तो रद्द हो जाएगा आपका लायसेंस

चालान घर पहुंचने पर भी नहीं भरा तो रद्द हो जाएगा आपका लायसेंस

इंदौर. ट्रैफिक सिग्नल तोड़ते ही अब आपके घर चालान पहुंच जाएगा, जिसे आपको तुरंत भरना होगा, अगर नहीं भरा तो अब आपका लायसेंस भी रद्द हो जाएगा। इसके लिए सभी वाहनों और ट्रैफिक सिग्नल को सारथी एप से जोड़ा जा रहा है, ताकि नियम तोड़ते ही आपके घर चालान पहुंच जाएगा, इसी के साथ स्पीड पर भी कंट्रोल किया जा रहा है, ताकि दुर्घटनाओं पर भी लगाम कसी जा सके।

सिग्नल वाहनों और सारथी ऐप से जुड़ेंगे

ट्रैफिक जाम व चौराहों पर वाहनों की कतार को कम के लिए 50 चौराहों पर आधुनिक ट्रैफिक सिग्नल लगाने का सर्वे पूरा हो गया है। प्रशासन ऐसी व्यवस्था कर रहा है कि सभी सिग्नल आरटीओ के वाहन व सारथी पोर्टल से जुड़ जाएं और जो भी नियम तोड़ेगा, सीधे उसके घर चालान पहुंचे। राशि नहीं भरने पर लाइसेंस सस्पेंड हो जाए। वहीं, सर्वे में वर्तमान सिग्नल व्यवस्था की कई खामियां सामने आईं, उन्हें भी सुधारने की बात कही गई है। काफी समय से आधुनिक सिग्नल इंटेलीजेंट इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) लगाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सिंक्रोनाइज्ड व्यवस्था से सिग्नल लगाने का दावा था, ताकि किसी लेन पर वाहन की कतार है तो टाइमर बदल जाए और उस लेन का सिग्नल ज्यादा देर तक ग्रीन रहे। कुछ महीने पहले स्मार्ट सिटी कंपनी ने मुंबई की कंपनी सीएमएस को 35 करोड़ में ठेका भी दिया। काम शुरू करने के पहले कंपनी ने चौराहों का सर्वे कर रिपोर्ट सौंपी है।

स्पीड लिमिट तोड़ी तो भी घर पहुंच जाएगा चालान

स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ दिव्यांक सिंह के मुताबिक, अभी कुछ शहरों में ये सिस्टम काम कर रहा है, उसे समझने एक टीम भेजेंगे, नए सिग्नल चौराहों से ट्रैफिक दबाव कम करने में कारगर होंगे। लेफ्ट-राइट टर्न को खाली रखने का प्रयास होगा। सिग्नल कंट्रोल रूम को वाहन व सारथी पोर्टल से जोड़ने की तैयारी है, ताकि सिग्नल तोड़ने पर चालान घर भेजा जा सके।

सर्वे रिपोर्ट: अधिकारियों के सामने रखीं खामियां

-सभी चौराहों पर अंडर-ग्राउंड पानी, सीवरेज व गैस लाइन है। नए सिग्नल के लिए खुदाई कर नई केबल डालनी होगी।

-अधिकांश सिग्नल फिक्स टाइमर से चल रहे हैं, जिससे ट्रैैफिक दबाव की स्थिति रहती है। कई जगह टाइमर नहीं हैं।

-वाहनों के दबाव की जानकारी का कोई सिस्टम नहीं है। ट्रैफिक पुलिस ने जैसा चाहा, वैसा टाइम फिक्स रहता है।

-22 चौराहों पर कैमरे से नियम तोड़ने वालों की निगरानी है, अन्य पर नहीं है। सभी पुराने हैं और बदलने की जरूरत है।

-अभी स्पीड व गलत दिशा में जाने वाले को पहचानने का सिस्टम नहीं है।

-22 चौराहे जिसमें नंदलालपुरा, मरीमाता, घंटाघर, विजयनगर, रसोमा, स्कीम नं. 78 शामिल है पर जहां नए सिस्टम लगाने की जरूरत है।

-भंवरकुआं, गीता भवन, पलासिया, इंडस्ट्री हाउस जैसे 14 चौराहे ऐसे हैं, जहां मौजूदा आरएलवीडी सिस्टम को इंटीग्रेटेड कर काम करने की जरूरत है।

-एलआइजी, इंदिरा प्रतिमा, भंवरकुआं सहित 6 चौराहे ऐसे हैं, जहां सिग्नल के साथ पैदल यात्री, पोल, टाइमर आदि काम करने होंगे।

-बीआरटीएस के 8 चौराहों पर ट्रैफिक के दबाव के आधार पर पैदल यात्री, आरएलवीडी कैमरे के साथ इंट्रीग्रेटेड होकर काम करना होगा।

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नए सिग्नल के लिए सर्वे रिपोर्ट मिल गई है। रिपोर्ट के बिंदुओं को देखने के बाद आधुनिक ट्रैफिक सिग्नल के लिए जल्द काम शुरू करेंगे।

-प्रतिभा पाल, निगमायुक्त इंदौर