
पीडि़त बोले-भूमाफियाओं के चंगुल से दिलाएं प्लॉट
इंदौर. देवी अहिल्या श्रमिक कामगार गृह निर्माण संस्था की अयोध्यापुरी कॉलोनी के पीडि़त सदस्यों ने प्रशासन से मांग की है कि प्लॉट की रजिस्ट्री वाली जमीन की रजिस्ट्री निरस्त कराने के साथ ही जमीन खरीदने वाली कंपनी सिंप्लैक्स के डायरेक्टर्स प्रतीक सुरेंद्र संघवी समेत अन्य पर केस दर्ज करें। सदस्यों ने कहा, गैरकानूनी तरीके से जमीन की खरीद-बिक्री हुई है। हम 33 साल से प्लॉट के लिए भटक रहे हैं। यदि अब भी सुनवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।
गुरुवार को अयोध्यापुरी रहवासी कल्याण समिति के सदस्य गौरीशंकर लखोटिया, देवेंद्र जैन, प्रेम डांग, राजकुमार जैन ने मीडिया से चर्चा में कहा, अयोध्यापुरी में डबल रजिस्ट्रियों के चलते प्लॉट नहीं दे रहे हैं। सदस्यों द्वारा जमीन की खरीद-बिक्री और संस्था के साथ आर्थिक धोखाधड़ी को लेकर आपत्ति लेने के बाद भी केस दर्ज नहीं किया जा रहा है। जमीन खरीदने वाली कंपनी सिंप्लैक्स के डायरेक्टर्स अपने रसूख का उपयोग कर शासकीय कार्य में बाधा डाल रहे हैं। संस्था संचालकों ने धोखाधड़ी करते हुए जमीनें बेच दीं। पुलिस जांच में स्पष्ट हुआ है कि खरीदने वाली कंपनी सिंप्लैक्स ने जमीन की राशि का पूरा भुगतान नहीं करते हुए संस्था के साथ भी धोखाधड़ी की है। कल्याण समिति बार-बार पुलिस को आवेदन दे रही है, लेकिन राजनीतिक प्रभाव के चलते प्रकरण दर्ज नहीं किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री दिलाए न्याय: सदस्य मधु आहूजा, गीतासिंह, सोना कस्तूरी व मीना शर्मा ने बताया, कॉलोनी का विकास कार्य हो चुका है। सदस्यों को प्लॉट का आवंटन कर रजिस्ट्री करवा दी गई। इसके बाद जमीन बेच कर डबल रजिस्ट्री करना और करवाना अफसरों को अपराध नहीं लग रहा। सभी अफसर व नेताओं को गुहार लगा चुके हैं। हम किस पर विश्वास करें मुख्यमंत्री जी, अब आप ही अफसरों से न्याय दिलाएं।
सहकारिता विभाग ने की नपती
प्रशासन ने भूमाफिया बॉबी छाबड़ा व अन्य की गिरफ्त में फंसी देवी अहिल्या संस्था की अयोध्यापुरी के प्लॉट धारकों की शिकायत पर कार्रवाई शुरू की हैं। गुरुवार को कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव के निर्देश पर आरआइ राजेश राठौर की टीम एबी रोड स्थित अयोध्यापुरी की जमीन नापने पहुंची। सूत्रों के अनुसार जमीन सीमांकन के लिए सहकारिता विभाग ने संस्था की ओर से व रहवासी कल्याण समिति ने आवेदन दिया था, जो एक साल से ज्यादा लंबित था। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार जमीन के खसरे आसपास की जमीनों में मिले हैं, इसस लेआउट में ही गड़बड़ी की आशंका है। टीएसएम मशीन से सीमांकन में संस्था की जमीन व आसपास जमीन के खसरों में गड़बड़ी मिली हैं।
Published on:
27 Dec 2019 01:39 am
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