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नकली नोटों में लगाया वाटर मार्क, एनआइए भी कर सकती है पूछताछ

नकली नोट गिरोह के सरगना ने उगले कई राज

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नकली नोटों में लगाया वाटर मार्क, एनआइए भी कर सकती है पूछताछ

नकली नोटों में लगाया वाटर मार्क, एनआइए भी कर सकती है पूछताछ

इंदौर. नकली नोट गिरोह के मुख्य आरोपी राजेश बरतेते निवासी पलाश परिसर ने कई राज उगले हैं। उसे रिमांड पर लेकर अन्नपूर्णा पुलिस पूछताछ कर रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एनआइए भी पूछताछ कर सकती है। गिरोह से जब्त लाखों के नकली नोटों की हाई क्वालिटी जांच के लिए नोट देवास बैंक नोट प्रेस भेजे गए हैं। गिरोह के सरगना ने नोट को असली रूप रंग देने के लिए स्क्रीन प्रिंटिंग और फोटो शॉप की मदद ली। नोटों में वाटर मार्क भी लगाया गया था।मालूम हो, किराना दुकान पर नकली नोट चलाने की सूचना पर गिरोह का भंडाफोड़ हुआ था। आरोपी ने 30 लाख रुपए के नकली नोट हाट बाजार, अनाज मंडी और पेट्रोल पंप पर चलाने की जानकारी दी है। एडिशनल डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने बताया कि राजेश बरतेते के फोन से जानकारी निकाल रहे हैं। गिरोह के एक सदस्य बाबू की तलाश जारी है।

बांड पेपर का इस्तेमाल

पूछताछ में खुलासा हुआ है कि नोट को छापने के लिए गिरोह ने बांड पेपर का इस्तेमाल था। आरोपी स्क्रीन प्रिंटिंग से नोट पर फ्लोरोसेंट थ्रेड और वाटर मार्क तक बना चुके थे। हालांकि ये हूबहू नहीं है। फोटो शॉप से नोट की सीरीज बदल देते थे।

असली और नकली नोट में ये अंतर

(एडिशनल डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा के अनुसार )

- 500 रुपए के असली नोट में चमकीले रंग से 500 लिखा फ्लोरोसेंट थ्रेड बना रहता है, लेकिन जब्त नकली नोटों में यह इतना साफ नहीं है।- असली नोट पर 500 रुपए लिखा हुआ वाटर मार्क दोनों तरफ से दिखाई देता है। नकली में एक ही साइड से दिख रहा है।