
अफसर को झूठा बताकर किसानों ने आख्रिर क्यों बिखेर दी सड़क पर सोयाबीन
इंदौर. सोमवार को अन्नदाता किसान न्याय यात्रा को लेकर प्रशासन ने पहले से ही प्रशासनिक संकुल के मेन गेट पर भारी बेरिकेटिंग कर दी। कलेक्टोरेट पहुंचे किसानों ने यह बात नागवार गुजरी और आंदोलनकर्ता किसान कलेक्टर को ज्ञापन देने की मांग कर गेट के सामने सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। समझाने पहुंचे एसडीएम रवि कुमार सिंह को किसानों ने जमकर खरी-खोटी सुनाते हुए कहा, पटवारी और राजस्व अफसर फसल की बर्बादी देखने खेतों तक भी नहीं आए, सर्वे भी नहीं हुआ है। एसडीएम ने कहा, फसल कटाई प्रयोग के माध्यम से आकलन हो रहा है, गिरदारी हो रही है। इस पर किसान बोले- आप झूठ बोल रहे हैं, हमें मत बताइये। किसानों ने गांवों के नाम गिनाते हुए कहा, यहां कोई नहीं आया। इसके बाद अपर कलेक्टर बीबीएस तोमर ज्ञापन लेने पहुंचे और उनके आश्वासन के बाद धरना समाप्त किया।
इसके पहले सुबह ११ बजे लाल बहादूर शास्त्री प्रतिमा शास्त्री मार्केट से किसान सेना ने किसान न्याय यात्रा की शुरू की, जो दोपहर में कलेक्टोरेट पहुंची। यात्रा में एक ट्रैक्टर के पीछे किसान बड़ी संख्या में झांझ-मजीरे बजाते हुए चले। वे अपने साथ खराब सोयाबीन की फसल भी लेकर पहुंचे। जब उन्हें कलेक्टोरेट मेन गेट पर ही रोक दिया, तो किसानों में आक्रोश फैल गया। प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए किसानों ने फसल को सड़क पर ही फैला दिया और धरना पर बैठ गए।
चार मंत्री, कोई नहीं पहुंचा
किसानों का आरोप है कि इंदौर में चार मंत्री है (तीन इंदौर व एक प्रभारी मंत्री), फिर भी किसानों सुध लेने कोई गांव तक नहीं पहुंचा। किसानों ने पूर्व सरकार का हवाला देते हुए कहा, वे खेतों में आते थे। किसानों ने मांग की कि सर्वे कर जल्द मुआवजा मिले। प्रधानमंत्री फसल बीमा की क्षतिपूर्ति राशि तुरंत मिले। दो लाख का कर्ज माफ हो। आंदोलन में किसान सेना के प्रदेशाध्यक्ष केदार पटेल, सचिव जगदीश रावलिया, मदन पटेल, बबलू जाधव आदि मौजूद रहे।
Published on:
21 Oct 2019 06:48 pm
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