
मैं टिकट से खुश नहीं...अपन बड़े नेता हो गए, हाथ-वाथ थोड़ी जोड़ेंगे : कैलाश विजयवर्गीय
इंदौर। खुद को बड़ा नेता मानने वाले कैलाश विजयवर्गीय को भाजपा संगठन ने विधानसभा का टिकट देकर जमीन दिखा दी। इस बात का दर्द कैलाश को रह रहकर उठ रहा है। एक नंबर की एक सभा के मंच से बोल पड़े कि विधानसभा टिकट से खुश नहीं हूं। सच बोल रहा हूं मेरी चुनाव लडऩ़े की इच्छी नहीं थी। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व एक नंबर विधानसभा से प्रत्याशी घोषित हुए कैलाश विजयवर्गीय अपने बड़बोले पन के लिए ख्यात है।
मंगलवार को बड़ा गणपति चौराहे पर हुई एक सभा में उन्होंने ऐसा ही कुछ किया। भाषण के दौरान उन्होंने कहां कि मैं अंदर से खुश नहीं हूं सच कह रहा हूं। इस लिए मेरी लडऩे की इच्छा नहीं थी। एक प्रतिशत भी इच्छा नहीं थी। एक माइडसेट होता है लडऩे का। अपने को तो जाना था भाषण देने, बड़े नेता हो गए है। भाषण देना और निकल जाना ये सोचा था। रोज 8 सभा करना है। पांच हेलीकॉफ्टर से और तीन कार से।
मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं उम्मीदवार हूं। मुझे लग नहीं रहा है कि मुझे टिकट मिल गया और में चुनाव लड़ रहा हूं। कहना था कि गृह मंत्री अमित शाह से आज ही बात हुई। मुझे इंदौर-उज्जैन संभाग के अलावा भोपाल व ग्वालियर की 90 सीटों को संभालना है। एक दिन में आठ विधानसभा करुंगा जिसमें से पांच हेलीकाफ्टर से तो तीन सड़क से जाकर करना है।
भाजपा के कायदे-कानून से बड़े हुए कैलाश
इंदौर के विधानसभा एक भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय पार्टी से बड़े हो गए हैं। विजयवर्गीय पार्टी लाइन से हटकर काम कर रहे हैं। नगर निगम चुनाव में बागी पूर्व पार्षद मांगीलाल रेडवाल को उन्होंने सदस्यता दिला दी, जबकि पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित किया था। पार्टी गाइडलाइन के तहत निष्कासन रद्द करने की एक प्रक्रिया है। पार्टी की अनुशासन समिति होती है। जिला इकाई उस नाम का प्रस्ताव बनाकर भोपाल भेजती है, जिसके बाद समिति निष्कासन को रद्द करने का फैसला करती है, जबकि रेडवाल मामले में ऐसी कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई गई।
बागी होकर लड़ा था पार्षद का चुनाव
मालूम हो, सवा साल पहले नगर निगम चुनाव में इंदौर के भागीरथपुरा वार्ड से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व पार्षद रेडवाल ने बागी होकर चुनाव लड़ा था। इसके चलते पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। रेडवाल चुनाव हार गए। इसके बाद वे कई बार पार्टी में आने का प्रयास कर चुके थे। वहीं, विधानसभा के सम्मेलन में बुलाए जाने पर कार्यकर्ताओं ने खासा विरोध किया था।
मंच पर नजर आए
कमलेश मंगलवार को बड़ा गणपति चौराहे पर कैलाश ने कार्यकर्ताओं की सभा रखी थी। उनके समर्थक अशोक चौहान उर्फ चांदू और महेश दलोदरा ने घेर रखा था, जबकि एक नंबर के नेता अलग-थलग नजर आए। इसके अलावा कांग्रेस छोड़ने वाले कमलेश खंडेलवाल भी मंच पर खासे सक्रिय दिखाई दिए, जबकि अब तक भाजपा ने उन्हें सदस्यता नहीं दी थी। कार्यकर्ताओं में चर्चा का विषय था कि अभी यह हाल है तो भविष्य में उनके साथ धोखा ना हो जाए।
सत्तन गुरु को मनाने पहुंचे कैलाश
इंदौर-़1 में पार्टी के वरिष्ठ नेता व राष्ट्रकवि सत्यनारायण सत्तन गुरु का बड़ा नाम है। पिछले चुनाव में उनकी नाराजगी सुदर्शन गुप्ता को भारी पड़ी थी। गुरु की शुरू से विजयवर्गीय व विधायक रमेश मेंदोला से पटरी नहीं बैठी। टिकट होने के बाद कैलाश को समझ आ गया कि गुरु को नहीं साधा तो लुटिया डूब जाएगी। वे मंगलवार को उन्हें मनाने उनके घर पहुंचे। इधर, सुदर्शन गुप्ता के से जुड़े नेताओं से भी संपर्क किया।
Published on:
27 Sept 2023 08:52 am
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