
इंदौर. लीज पर दी गई सरकारी जमीनों को लेकर खोजबीन चल रही है। इसके चलते जिला प्रशासन की बोतल में वर्षों से बंद यशवंत टॉकीज का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। मौके पर वर्षों पहले टॉकीज तोडक़र कॉम्प्लेक्स बना दिया गया, जिस पर अब शर्तों के उल्लंघन का नोटिस दिया जा रहा है।
एक समय था जब इंदौर में टॉकीजों का माहौल हुआ करता था। मनोरंजन के लिए फिल्मों के अलावा कोई बड़ा साधन नहीं था। टॉकीज खोलने के लिए सरकार भी प्रोत्साहित करती थी। इसके चलते 1980 में यशवंत टॉकीज के निर्माण के लिए सरकार ने कस्बा इंदौर की सर्वे नंबर 399/7 की 77 हजार 708 वर्गफीट जमीन लीज पर आवंटित की थी। ये जमीन सिनेमाघर के संचालक आनंदराव गायकवाड़ को 30 वर्ष के लिए शर्तों पर दी गई थी, यह लीज 2010 में समाप्त हो गई। संभागायुक्त संजय दुबे लगातार लीज उल्लंघन की फाइल और वसूली को लेकर अफसरों को फटकार लगा रहे है। इसके चलते लंबे समय बाद एक बार फिर टॉकीज की फाइल खुल गई है।
काबिज हैं कई शोरूम व ऑफिस
यशवंत टॉकीज के स्थान पर कुछ वर्ष पहले यशवंत प्लाजा कॉम्प्लेक्स बनाया गया। इसमें सैकड़ों दुकानें निकाल दी गईं, जिसमें छोटे-मोटे व्यापारी से लेकर धन्ना सेठ भी बैठे हुए है। एक मंजिल पर तो स्कूल का कार्यालय भी संचालित किया जा रहा है। ऐसे में जिला प्रशासन के लिए प्लाजा का कब्जा लेना इतना आसान नहीं होगा।
नोटिस में शर्तों के उल्लंघन का आरोप
अपर कलेक्टर के निर्देश पर पिछले दिनों एसडीएम शृंगार श्रीवास्तव ने रिपोर्ट बनाई थी। इसके आधार पर अब यशवंत टॉकीज संचालक गायकवाड़ को नोटिस दिया जा रहा है। इसमें कहा गया कि मध्यप्रदेश भूराजस्व संहिता 1949 की शर्तों का उल्लंघन एवं प्रयोजनों से भिन्न प्रयोग के काण लीज निरस्त करते हुए जमीन को शासकीय करने संबंधी आदेश किया गया। भूखंड व भवन का कब्जा विधि अनुसार प्राप्त करने के लिए निर्देशित किया गया। भूखंड व भवन को रिक्त कर कार्यालय को सूचित करें। नियत समयावधि के बाद कब्जा शासन हित में प्राप्त कर लिया जाएगा।
Published on:
14 Feb 2018 04:04 pm
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