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अब प्री-ऑर्डर नहीं कर पाएंगे Huawei के 5G Smartphones, ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन ने लगाई रोक

locationनई दिल्लीPublished: May 22, 2019 06:58:34 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

ब्रिटेन की कंपनी वोडाफोन ने हुवाई 5G स्मार्टफोन के प्री-ऑर्डर को सस्पेंड कर दिया है।
Vodafone ने यह कदम हुवाई कंपनी को लेकर चल रहे मौजूदा विवादों को देखते उठाया है।
हाल ही में गूगल ने हुवाई से अपने एंड्रॉयड लाइसेंस को वापस लेने का फैसला लिया था।

Huawei

अब प्री-ऑर्डर नहीं कर पाएंगे Huawei के 5G Smartphones, ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन ने लगाई रोक

नई दिल्ली। चीनी मोबाइल कंपनी हुवाई ( Huawei ) को एक और झटका लगा है। ब्रिटेन की कंपनी vodafone ने हुवाई 5G स्मार्टफोन के प्री-ऑर्डर को सस्पेंड कर दिया। वोडाफोन ने यह कदम हुवाई कंपनी को लेकर चल रहे मौजूदा विवादों को देखते उठाया है। बता दें कि चीन और अमरीका के बीच चल रहे ट्रेड वॉर के बाद हाल ही में गूगल ने हुवाई से अपने एंड्रॉयड लाइसेंस को वापस लेने का फैसला लिया था, जिसके बाद मौजूदा हुवाई स्मार्टफोन रखने वाले लोगों को गूगल ( google ) के अपडेट नहीं मिल सकेगा।

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गौरतलब है कि पिछले सप्ताह ही दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन मेकर कंपनी हुवाई को लेकर ख़बरें आईं थी की गूगल ने अपने एंड्रॉयड लाइसेंस को वापस ले लिया है। दूसरी तरफ गूगल के इस कदम के बाद अमरीकी चिप मेकर कंपनी क्वालकॉम ने भी हुवाई के साथ अपनी पार्टनरशिप को खत्म कर देगी। रिपोर्ट की मानें तो अमरीकी सरकार ने हुवाई और उसकी सब ब्रांड कंपनी हॉनर को अमरीकी प्रोडक्ट्स को खरीदने की अनुमति 90 दिनों तक के लिए दे दी थी। इस अवधि के दौरान चीनी कंपनी हुआवई सॉफ़्टवेयर अपडेट की सुविधा ले सकता है। इस मामले में अमरीकी सरकार ने कहा है कि यह प्रतिबंध देश विरोधी नीतियों के कारण लगाया गया है। बता दें हुआवई के पास लाइसेंस की अवधि 19 अगस्त तक की है। लेकिन इस कदम से हुआवई के यूजर्स को मुश्किल का सामना जरूर करना पड़ सकता है।

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चीनी यूजर्स पर कुछ खास असर नहीं

इस पूरे मामले पर Huawei का कहना है कि जिस तरह से विवाद बढ़ रहा है, उससे पहले ही पता चल गया था कि अमरीका और वहां की कंपनियों द्वारा हमें बैन कर दिया जाएगा। कंपनी ने आगे कहा कि इस समस्या से निकलने के लिए हुवावे ने अपना ओएस डेवलप करना शुरू कर दिया था और फिलहाल इसकी टेस्टिंग चल रही है। बता दें कि गूगल के इस फैसले से चीनी यूजर्स को ज्यादा फर्क नहीं पडऩे वाला है क्योंकि में चीन में पहले से ही त्रशशद्दद्यद्ग के ऐप्स बैन हैं। वहां गूगल की जगह Tencent और Baidu का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं गूगल का कहना है कि हम सरकार के नियमों का पालन करने के साथ ही इस मामले के सभी पहलुओं पर गौर कर रहे हैं।

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