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कैट ने कहा, बैंक और ई-कॉमर्स कंपनियां बनी व्यापारियों लिए खलनायक, वित्तमंत्री को शिकायत

बैंकों और ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ कैट ने भेजा वित्त मंत्री को ज्ञापन
बैंकों और ई-कॉमर्स कंपनियों के बीच साठगांठ का आरोप, जांच की मांग

Nov 30, 2020 / 03:53 pm

Saurabh Sharma

CAIT said, bank or e-commerce companies become villain for businessmen

CAIT said, bank or e-commerce companies become villain for businessmen

नई दिल्ली। व्यापारी संगठन की ओर से ई-कॉमर्स कंपनियों और बैंकों के बीच चल साठगांठ के खिलाफ अपने मूवमेंट को और तेज कर दिया है। खासका कैट की ओर से कोलेशन को व्यापारियों को खलनायक करार देते हुए देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ज्ञापन सौंपकर जांच की मांग की है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर कैट की ओर से अपने ज्ञापन में क्या कहा है।

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कैट ने जांच की मांग
देश के कुछ प्रमुख बैंकों को व्यापारियों के लिए एक बड़े खलनायक का दर्जा देते हुए कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक ज्ञापन भेज कर विभिन्न बैंकों द्वारा अमेजन और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट सहित अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों पर बैंकों के साथ साथ अवैध साठगांठ और व्यापारियों एवं लोगों के साथ भेदभाव करने का बड़ा आरोप लगाया है और इस सारे मामले की तुरंत जांच की मांग की है।

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लगाए इस तरह के आरोप
कैट ने कहा है की अमेजन, फ्लिपकार्ट एवं अन्य ई कॉमर्स कंपनियों के ऑनलाइन पोर्टल से माल की खरीदने पर कुछ प्रमुख बैंकों द्वारा 10 फीसदी कैश बैक या डिस्काउंट दिया जा रहा है जिससे देश के व्यापारियों को नुकसान हो रहा हैं। कैट ने बैंकों पर देश के लोगों के मौलिक अधिकारों के हनन तथा रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के फेयर प्रैक्टिस कोड के उल्लंघन का भी आरोप लगाया है। कैट ने यह भी कहा है की बैंक और ई कॉमर्स कंपनियों का नापाक गठजोड़ कांप्टीशन एक्ट 2002 का भी सीधे तौर पर उल्लंघन करता है । कैट ने एक ज्ञापन केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल को भी भेज कर इस मुद्दे पर तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।

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नियमों का होना चाहिए पालन
बीसी भरतिया और प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार आरबीआई ने बैंकिंग कार्यों के लिए निष्पक्ष व्यवहार संहिता बनाई है जिसमें कहा गया है की “प्रत्येक बैंक के पास क्रेडिट कार्ड संचालन के लिए एक अच्छी तरह से प्रलेखित नीति और निष्पक्ष व्यवहार संहिता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंकों के लिए फेयर प्रैक्टिस कोड उन्हें अनुचित व्यवसाय प्रथाओं का संचालन करने के लिए अधिकृत नहीं करता है और इसलिए हमारे पास यह विश्वास करने का कारण है कि ई-कॉमर्स कंपनियों की मिलीभगत से बैंक लगातार अनुचित व्यवसाय प्रथाओं का संचालन कर रहे हैं जो करोड़ों छोटे लोगों के व्यापारिक हितों के लिए हानिकारक हैं।

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