
tik tok deal
नई दिल्ली: पूरी दुनिया में हंगामा है कि Microsoft और Tik-tok की डील किसी भी वक्त अनाउंस हो सकती है। सत्या नडेला को गेम चेंजर और इस डील के बाद समीकरणों के बदलने की बातकही जा रही है। लेकिन मंगलवार को चाइना डेली ने अपने संपादकीय में इसके न होने की घोषणा कर दी । संपादकीय में लिखा गया है कि चीन ऐसा कभी नहीं होने देगा और अगर अमेरिकी सरकार उसे ऐसा करने के लिए ( टिकटॉक को बेचने के लिए ) मजबूर किया जाता है तो वह वॉशिंगटन के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।
तो वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ( American President Donald Trump ) ने टिकटॉक के लिए एक समय-सीमा भी तय कर दी है। ट्रंप का कहना है कि अगर 15 सितंबर तक टिक चॉक नहीं बिका तो अमेरिका में इसे बैन कर दिया जाएगा। अब तक दुनिया के 5-7 देश, जहां टिक टॉक सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है, बैन किया जा चुका है। जिसके चलते टिकटॉक मुश्किल में फंस गया है।
ट्रम्प के इस सुझाव के बाद से ही माइक्रोसॉफ्ट ( Microsoft ) ने इस मामले में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी है। लेकिन डेटा गोपनीयता और चीन के ओनरशिप स्ट्रक्चर ने अमेरिका की चिंताओं को दूर नहीं किया। ऐसे में माइक्रोसॉफ्ट के ऊपर भी डेटा सिक्योरिटी को लेकर काफी दबाव होगा। यदि टिक टॉक का ऑपरेशन एक विश्वसनीय, सार्वजनिक रूप से लिस्टेड अमेरिकी कंपनी के हाथों में आ जाता है तो यह डेटा पारदर्शिता के मुद्दे को हल कर सकता है।
कहा तो यहां तक जा रहा है कि माइक्रोसॉफ्ट के खरीदने के बाद विदेशों में अमेरिकी नागरिकों ( AMAERICAN CITIZEN ) का डेटा सर्वर से हटा दिया जाएगा। इसके अलावा डील से पहले ही अमेरिकी यूजर्स के सभी निजी डेटा को सुरक्षित ट्रांसफर किया जाए और सेफ रखा जाए इस बारे में भी माइक्रोसॉफ्ट को अमेरिकी प्रशासन ( US ADMINSTRATION ) को यकीन दिलाना होगा।
Updated on:
04 Aug 2020 07:27 pm
Published on:
04 Aug 2020 06:41 pm
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