
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। देश में कुल मामले 1000 से ज्यादा हो चुके हैं। ऐसे में काफी क्षेत्रों में इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। कोरोना वायरस की वजह से किए गए लॉकडाउन की वजह से खुदरा कारोबार को बड़ा नुकसान होता हुआ दिया है। जानकारों की मानें अगर सरकार की ओर से इन्हें जल्द ही मदद मुहैया नहीं की गई तो आगामी छह महीने में देश की 30 फीसदी रिटेल कारोबार बंद हो जाएगा।
फरवरी से ही प्रभावित हो गया था कारोबार
रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सीईओ राजगोपालन की ओर से आए बयान में कहा गया है कि खुदरा कारोबार फरवरी से बुरी तरह प्रभावित हुआ है, और पिछले महीने यह सामान्य कारोबार का 50 से 60 फीसदी था और मार्च में यह लगभग शून्य हो गया है। उन्होंने कहा कि अगर यही स्थिति लगातार जारी रही तो अधिकांश खुदरा कारोबारी बहुत अधिक परेशानी में होंगे।
30 फीसदी कारोबारी हो जाएंगे बाहर
राजगोपालन ने कहा कि रिटेल कारोबारियों की किराए की लागत आय का लगभग आठ फीसदी और वेतन लागत आय का लगभग सात से आठ फीसदी है। उन्होंने कहा कि उन्हें आपूर्तिकर्ताओं को भी भुगतान करना पड़ता है और भुगतान अभी लंबित हैं, लेकिन उनके पास इसके लिए कोई आमदनी नहीं है। रिटेल कारोबारियों के 85 फीसदी खर्च फिक्स हैं। यदि सरकार ने हस्तक्षेप नहीं किया तो 30 फीसदी खुदरा कारोबारी अगले छह महीने में बाजार से बाहर हो जाएंगे।
सरकार को प्रोत्साहन पैकेज की मांग
राजगोपालन ने कहा कि उनकी संस्था ने प्रोत्साहन पैकेज के लिए सरकार को पत्र लिखा है कि खुदरा कारोबारियों का व्यापार जारी रखने के लिए सरकार को कुछ कदम उठाने की जरूरत है, जैसे किराए में सब्सिडी और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान। देश में खुदरा उद्योग में लगभग 60 लाख लोग कार्यरत हैं, और राजगोपालन के अनुसार उनमें से अधिकांश इस समय संकट में हैं।
Updated on:
30 Mar 2020 09:08 am
Published on:
30 Mar 2020 09:07 am
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