
नई दिल्ली। आर्थिक सुस्ती के दौर मे जहां एक तरफ विपक्ष और देश के अर्थशास्त्री मोदी सरकार की आलोचना कर रहे है वहीं विश्व बैंक के तरफ से एक मोदी सरकार को एक राहत की खबर मिली है। विश्व बैंक ने कहा है कि, भारतीय अर्थव्यवस्था मे आई गिरावट अस्थायी है। इसकी मुख्य वजह जीएसटी के लिए तैयारियों की वजह से होने वाली क्षणिक बाधाएं है। विश्व बैंक ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताते हुए कहा कि आने वाले दिनों मे विकास वृद्धि में सुधार देखने को मिलेगा। इसके साथ ही विश्व बैंक ने इस बात का दावा किया है कि आने वाले दिनों में जीएसटी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था के अच्छे दिन आएंगे।
विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर बात करते हुए कहा कि, जीएसटी से भारतीय अर्थव्यवस्था पर साकारात्मक असर देखने को मिलेगा। जिम योंग ने ये बात अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक के सलाना बैठक से पहले होने वाले संवाददाताओं से चर्चा में कहा। उन्होने आगे कहा कि, पहली तिमाही में गिरावट आई लेकिन हमारा मानना है कि मुख्य रूप से जीएसटी के लिए तैयारियों मे अस्थायी बाधाओं के कारण हुआ है। आने वाले समय में जीएसटी भारतीय अर्थव्यवस्था पर साकारात्मक असर डालेगा। अगले सप्ताह होने वाले सलाना बैठक में वित्त मंत्री अरूण जेटली भारतीया प्रतिनिधि मंडल की अगुवाई करेंगे।
अप्रैल-जून में 5.7 फीसदी था वृद्धि दर
आपको बता दें कि चालू वित्त वर्ष के पहली तिमाही मे भारत की आर्थिक वृद्धि में गिरावट देखने को मिला था। इसके बाद विपक्षी दलों ने और अर्थशास्त्रियोंं ने सरकार का आलोचना किया था। उनका कहना था आर्थिक सुस्ती का कारण पिछले साल नवंबर मे हुई नोटबंदी और फिर जीएसटी है। अप्रैल से जून के बीच की तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर सलाना आधार पर 5.7 फीसदी रहा जो कि जनवरी से मार्च के बीच की तिमाही में 6.1 फीसदी था।
विश्व बैंक के अध्यक्ष ने की मोदी की तारीफ
जिम योंग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था में हालिया गिरावट आने वाले दिनों में सुधर जाएगा। और इसपर हमारी करीबाी निगाह है क्योंकि प्रधानंत्री नरेन्द्र मोदी ने कारोबारी माहौल सुधारने के लिए वास्तव में काम किया है। ऐेसे में इन सभी प्रयासों का परिणाम अच्छा देखने को मिलेगा। उन्होने आगे कहा, मै जानता हूं कि नरेन्द्र मोदी खुद समूचे भारत के लिए अवसर सुधारने को बहुत प्रतिबद्ध है। भारत के सामने अभी अनेक चुनौतियां है और बाकी देशों की तरह वहीं भी व्यापक सुधार की गुंजाइश है।
Published on:
06 Oct 2017 10:42 am
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