
पीलीभीत। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के प्रमुख नेता आगामी आठ अक्तूबर को पीलीभीत आयेंगे। पूरे देश के किसान संगठन केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार से वायदा निभाने की मांग को लेकर एकजुट हो रहे हैं। लाखों किसान बीस नवंबर को दिल्ली में जंतर-मंतर पर जाकर किसान संसद का आयोजन करेंगे।
74 किसान संगठन हो रहे इकठ्ठे
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के राष्ट्रीय संयोजक वीएम सिंह ने बताया कि पिछले 20 साल में देश के चार लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं। छह जून को मंदसौर में अपने हक की मांग कर रहे किसानों पर शिवराज सिंह सरकार ने गोली चलाई और छह किसानों की मौत हो गई। इस घटना के बाद 174 किसान संगठनों द्वारा एकजुट होकर मोदी से किसानों के कर्ज माफ करने और लागत मूल्य डेढ गुना करने की मांग को लेकर किसान मुक्ति यात्रा निकाली जा रही है। छह जुलाई को मंदसौर से यह यात्रा आरंभ की थी, यह यात्रा मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु का सफर पूरा कर चुकी है। अभी तक दस हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी की जा चुकी है। 25 सितंबर को किसान मुक्ति यात्रा का पहला चरण कर्नाटक में पूरा हो चुका है।
2014-2017 में किए वादे करें पूरे
उन्होंने बताया कि यह यात्रा गोरखपुर, बनारस, इलाहाबाद होती हुई पीलीभीत को आठ अक्तूबर को आ रही है। यह यात्रा किसानों को अपने हक के लिए घर से बाहर निकलने का आग्रह करने आ रही है। किसान नेता का कहना था कि पूरे देश का किसान परेशान है, जुमलों से उसका पेट नहीं भरता। उन्होंने कहा कि अब हम लोग मोदी जी से उनके 2014और 2017 में किये गए वायदों को पूरा करने की मांग को लेकर किसानों को जागरूक करने निकलें। वीएम सिंह ने बताया कि आठ अक्तूबर को पीलीभीत किसान नेता तथा कोल्हापुर के सांसद राजू शेट्टी, योगेंद्र यादव, मेघा पाटकर, डाॅ.सलीम, रामपाल जाट, चंद्रशेखर राव और रामजनम सिंह सहित 174 किसान संगठनों के नेता आ रहे हैं।
Updated on:
06 Oct 2017 11:02 am
Published on:
06 Oct 2017 10:13 am
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