script

Coronovirus का भारत के अनुमानित 3.25 लाख करोड के Pharma Industry पर कितना पड़ा असर, जानिए सबकुछ

Published: Mar 05, 2020 09:05:16 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

अमरीका के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दवा एक्सपोर्टर है भारत
नवंबर 2019 तक फार्मा इंडस्ट्री का टर्नओवर 1.39 लाख करोड़ रुपए पहुंचा
2017-18 के आंकड़ों के अनुसार 1.27 लाख करोड़ रुपए का है फार्मा एक्सपोर्ट

indian_pharma_industry.jpg

How Coronovirus affected India’s estimated 3.25 lac cr pharma industry

नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से करीब 26 दवाओं और उनके फार्मूलेशन के निर्यात पर रोक लगा दी है। ऐसा कोरोना वायरस के भारत में दस्तक देने के बाद लिया गया है। शायद आपको इस बात की जानकारी नहीं है कि अमरीका के बाद भारत दुनिया में दवाईयों का दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। ऐसे में इस फैसले के बाद भारत के फार्मा इंडस्ट्री को गहरा झटका लगने की उम्मीद लगाई जा रही है। जहां एक ओर चीन से कच्चा माल ना आने के बाद दवाओं का प्रोडक्शन कम हो गया है। वहीं दूसरी ओर दवाओं की कीमतों में भी इजाफा देखने को मिला है। आइए भारत के फार्मा इंडस्ट्री को समझने की कोशिश करते हैं। साथ ही कोरोना वायरस के बीच इस इंडस्ट्री को कितना नुकसान होगा और कितना फायदा, इस बारे में भी आपको बताएंगे?

यह भी पढ़ेंः- Cryptocurrency पर सुप्रीम कोर्ट का Superb फैसला, Bitcoin पर होगा Transaction

भारत की फार्मा इकोनॉमी
भारतीय फार्मा सेक्टर की बात करें तो 2017 में इसकी वैल्यू 33 बीलियन डॉलर थी। जबकि इसका सालाना टर्नओवर 2017 में 1,16,389 करोड़ से बढ़कर 2018 में 1,29,015 करोड़ रुपए का हो गया था। जिसमें 9.4 फीसदी की सालाना ग्रोथ देखने को मिली थी। जबकि नवंबर 2019 तक फार्मा सेक्टर का टर्नओवर 1.39 लाख करोड़ रुपए का पहुंच गया है। भारतीय फार्मा इंडस्ट्री में जेनरिक दवाओं का मार्केट शेयर 71 फीसदी है।

यह भी पढ़ेंः- मुकेश अंबानी खरीदेंगे Rcom के असेट्स, SBI ने प्लान को मंजूरी

दुनिया में इतना करता है एक्सपोर्ट
अगर बात एक्सपोर्ट की करें तो भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। 2015 में इंडिया की ओर से 15 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट किया था, जबकि 2017-18 में यह आंकड़ा 17.27 बिलियन डॉलर पहुंच गया। जानकारों की मानें वित्त वर्ष 2020 में 40 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान जताया गया है। वहीं जेलरिक दवाओं की बात करें तो भारत ग्लोबली 20 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ा एक्पोर्टर है। वहीं 2020 में भारत फार्मा का दुनिया का 6 वां सबसे बड़ा बाजार बनने की उम्मीद है। वहीं जनवरी में 2000 से दिसंबर 2015 तक फार्मा इंडस्ट्री में 13.5 बिलियन डॉलर की एफडीआई आ चुकी है।

यह भी पढ़ेंः- फेड की 11 साल की सबसे बड़ी कटौती के बाद बाजार को जोश ठंडा, सेंसेक्स-निफ्टी में गिरावट

ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर एक्ट की डील से भी हुआ इजाफा
कोरोना वायरस की वजह से चीन से कच्चा माल ना आने और ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर एक्ट की डील के बाद दवा कंपनियों ने लगभग दो दर्जन दवाओं के दाम बढ़ा दिए हैं। पिछले एक साल से कच्चे माल का दाम बढऩे की वजह से दवा कंपनियां दवाओं के दाम बढ़ाने की मांग कर रही थी और दिसंबर 2019 में मंत्रालय की ओर से कीमतें बढ़ाने की अनुमति मिली थी। आपको बता दें कि देश में दवा बनाने के लिए करीब 75 फीसदी एक्‍टिव फार्मास्‍युटिकल इंग्रीडिएंट्स चीन से आता है । कोरोना वायरस के कारण सप्लाई बंद है। जिसकी वजह से जेनरिक दवाओं की कीमतों में 10 से 50 फीसदी तक का इजाफा हो चुका है। डीपीसीओ एक्ट के बाद देश में करीब 2 दर्जन दवाओं के दाम बढ़ गए हैं। अब नया स्टॉक बढ़ी कीमतों के साथ आएगा।

चीन से आता है कच्चा माल
भारत के सामने सबसे बड़ी मुसीबत ये है कि भारत में दवाएं बनाने के लिए आने वाला कच्चा माल चीन से ही आता है। वहीं चीन का हुबे प्रांत सबसे एपीआई मैन्यूफैक्चरिंग का सबसे बड़ा हब है। जो वुहान के बाद कोरोना की जड़ का सबसे बड़ा सेंटर बन चुका है। आंकड़ों के अनुसार 2018-19 में भारत की ओर से कुल फार्मा एपीआई आयात का 67.5 फीसदी आयात चीन से किया था, जिसकी कीमत 2400 मिलियन डॉलर थी। वहीं बात भारत में फार्मा के सबसे बड़े हब की बात करें तो हिमाचल प्रदेश है। जिसका मार्केट शेयर एशिया में 35 फीसदी और इंडिया में 60 फीसदी के आसपास है।

यह भी पढ़ेंः- 31 जनवरी तक प्रत्यक्ष कर संग्रह 7.52 लाख करोड़ रुपए, रिवाइज्ड टारगेट पूरा कर पाएगी सरकार?

दोगुनी हो गई है दवाओं की कीमतें
जानकारी के अनुसार कोरोना वायरस की वजह से दवाओं की कीमतों में इजाफा हो चुका है। कुछ दवाओं की कीमतें तो दो गुनी हो चुकी है। बात पैरासीटामोल की कीमतों में 200 फीसदी से अधिक का इजाफा हो गया है। मौजूदा समय में इसकी कीमत 450 रुपए से 500 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। वहीं विटामिन बी 12 के दाम की बात करें तो एक लाख से 2.5 लाख प्रति किलोग्राम का इजाफा हो गया है। वहीं अस्थमा से रिलेटिड दवाओं के दाम भी दोगुने हो गए हैं। आंकड़ों के अनुसार 62 हजार प्रतिकिलो हो गई हैं।

यह भी पढ़ेंः- फेड ने की ब्याज दरों में गिरावट, सोना और चांदी में आया जबरदस्त उछाल

फार्मा कंपनियों के शेयरों में देखने को मिल रहा है उछाल
शेयर बाजार में 500 अंकों की गिरावट आने के बाद भी दवा कंपनियों के शेयरों में इजाफा देखने को मिल रहा है। एक बजकर 15 मिनट पर सिपला के शेयरों में 3.20 फीसदी की तेजी देखी गई, जिसके बाद कंपनी का शेयर 438.90 रुपए पर पहुंच गया। वहीं सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज के शेयरों में 2.71 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है। जिसके बाद 404.20 रुपए प्रति शेयर हो गया है। वहीं डॉ रेड्डी लेबोरेटरीज में 2.58 फीसदी की देखी जा रही है। जिसके बाद दाम 3,122.30 रुपए प्रति शेयर हो गए हैं।

ट्रेंडिंग वीडियो