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संसाधन संपन्न देश को लाभ उठाने के लिए रहना होगा तैयार: अमिताभ कांत

Published: Dec 26, 2020 05:13:27 pm

Submitted by:

Nitin Kumar

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के मुताबिक, भारत के ट्रैवल एंड टूरिज्म क्षेत्र की रैंकिंग उत्साहजनक हैं। अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है ताकि हम इस क्षेत्र की असीम संभावनाओं व रोजगार उपलब्धता का लाभ उठा सकें। आने वाले दशकों में यह क्षेत्र अतुलनीय विकास का वाहक होगा।

Amitabh Kant

Amitabh Kant

ईयरएंडर स्पेशल
एक्सपर्ट व्यूः अमिताभ कांत, सीईओ, नीति आयोग

(‘इन्क्रेडबल इंडिया’ और ‘गॉड्स ओन कंट्री’ जैसी पहल के जरिए भारत और केरल को पर्यटन मानचित्र पर उभारने के अलावा कैम्पेन ‘अतिथिदेवोभव:’ को भी कांत ने ही लागू किया था।)
कोविड-19 वैक्सीन की उपलब्धता के साथ कुछ ही माह में जिस क्षेत्र में बहाली और तुरंत प्रगति की सर्वाधिक संभावनाएं दिखाई दे रही हैं, वह है – ट्रैवल और टूरिज्म। कोरोना काल के बाद भारत पर्यटन जगत की पहली पसंद होगा। देश की 72 फीसदी आबादी 32 वर्ष से कम उम्र की है और औसत उम्र मात्र 29 वर्ष है।
इस लिहाज से पर्यटन भावी पीढिय़ों के लिए अपार संभावनाओं वाला क्षेत्र है। जरूरत है उच्चस्तरीय आधारभूत ढांचा विकसित करने की। सांस्कृतिक विविधता के देश भारत के बेजोड़ अनुभव, समृद्ध विरासत, स्वास्थ्य देखभाल में दक्षता और ‘एडवेंचर टूरिज्म’ के चलते यहां अपार अवसर होंगे।
ट्रैवल-टूरिज्म: देश की रैंकिंग उत्साहजनक

भारत के ट्रैवल एंड टूरिज्म क्षेत्र की रैंकिंग उत्साहजनक हैं। अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है ताकि हम इस क्षेत्र की असीम संभावनाओं व रोजगार उपलब्धता का लाभ उठा सकें। आने वाले दशकों में यह क्षेत्र अतुलनीय विकास का वाहक होगा।
विरासत स्थल देख रहे विकास की राह

देश में बड़ी संख्या में प्राकृतिक सौन्दर्य और सांस्कृतिक विरासत स्थल हैं। इनमें कई अनदेखी का शिकार हैं या विकास की राह देख रहे हैं। समुचित विकास से ये अद्वितीय और बहुपयोगी पर्यटन स्थल सिद्ध होंगे। पर्यटन प्रोत्साहन अभियानों ने पर्यटन संभावनाओं को जन जागरूकता से जोड़ दिया है। इससे उद्यमियों व पर्यटकों को नए आयाम मिलेंगे। साथ ही सरकार को मिलकर काम करने व क्षेत्र में विकास करने के अवसर मिलेंगे। भारत सरकार ने पर्यटन विकास संबंधी परियोजना के लिए वल्र्ड बैंक के साथ करार किया है। साथ ही परिवहन क्षेत्र में किया गया कार्य भी समान रूप से महत्त्वपूर्ण है। इससे भारत के चर्चित पुरातन स्थलों तक आवागमन सुगम हुआ है।
एडवेंचर व वाइल्डलाइफ टूरिज्म में भी हैं संभावनाएं अपार

निकट भविष्य में 100 पर्यटन रेल शुरू की जाएंगी, जहाजरानी मंत्रालय ने क्रूज व नौकायन से यात्रा को सुखद बनाने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। राजमार्ग, सड़क एवं बंदरगाह विकास संबंधी कार्य भी हुए हैं। भारतमाला और सागरमाला प्रोजेक्ट में क्रमश: 10 व 8 ट्रिलियन रुपए का निवेश किया गया है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के समक्ष 2022 तक 20,000 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य है, जिसके तहत 70 से अधिक क्षेत्रीय हवाई अड्डे विकसित किए जाएंगे। भारतीय हवाई अड्डों को उच्च मूल्य के ट्रैफिक के साथ ग्लोबल हब बनाना होगा। ‘नेक्स्टजेन एयरपोट्र्स फॉर भारत (नभ) निर्माण’ भी गेमचेंजर साबित हो सकता है। इससे 2030 तक विमान यात्रियों की संख्या 1 अरब तक बढऩे की उम्मीद है। योग, आयुर्वेद, ऐतिहासिक व प्राचीन विरासत स्थलों के साथ-साथ भारत को एडवेंचर और वन्यजीव पर्यटन पर ध्यान देना चाहिए। हिमालय से लेकर द्वीपों तक प्रकृति की गोद में अपार संभावनाएं हैं। वैक्सीन आने के बाद पर्यटन विकास के कई क्षेत्रों में अवसर तलाशे जा सकते हैं सब कुछ हमारी तैयारी पर निर्भर है।
इंटरव्यू: मुकेश केजरीवाल

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