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जेपी ग्रुप को बचाने के लिए प्रमोटर्स का बड़ा दांव, दिया इतने करोड़ का ऑफर

संकट में फंसी जेपी ग्रुप की कंपनी जेपी इंफ्राटेक लोन रिपेमेंट में डिफॉल्ट होने के चलते इन्सॉल्वेंसी प्रोसीडिंग्स से गुजर रही है।

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Saurabh Sharma

May 08, 2018

JP Infra

नई दिल्‍ली। संकट के दौर से गुजर रही जेपी इंफ्राटेक को दिवालिया होने से बचाने के लिए जेपी ग्रुप के प्रमोटर मनोज गौड़ की ओर से बैंकों का लोन चुकाने के लिए और अधूरे पड़े आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 10, हजार करोड़ रुपए का ऑफर दिया है। ग्रुप के दिए गए ऑफर के मुताबिक कंपनी के 9,800 करोड़ रुपए के कर्ज का कुछ हिस्सा चुका देगा और लेंडर्स को कंपनी में कुछ इक्विटी स्टेक देगा। ग्रुप का यह ऑफर कंपनी को बैंकरप्सी प्रोसीडिंग्स में जेपी इंफ्राटेक के लिए मिली बेस्ट बिड से 25 फीसदी ज्यादा है।

अभी कुछ तय नहीं
जानकारों की मानें तो जेपी ग्रुप के प्रमोटर मनोज गौड़ ने जेपी इंफ्राटेक के लेंडर्स की कमेटी के सामने एक प्रेजेंटेशन दिया है। जानकारों के अनुसार अभी तक ये बात फाइनल नहीं हो सकती है कि कमेटी ने प्रमोटर के ऑफर को माना है या नहीं? वहीं क्या वह जेपी इंफ्राटेक के लिए लक्षद्वीप प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ओर से आए ऑफर से तुलना करके देखेगी या नहीं। आपको बता दें कि रियल एस्‍टेट से लेकर हॉस्पिटल तक अपने पैर जमाए हुए जेपी ग्रुप के वजूद बचाए रखने के लिए हाइड्रो इलेक्ट्रिक और सीमेंट प्रोजेक्ट्स में अपनी हिस्सेदारी पहले ही बेच चुकी है।

लक्षद्वीप ने भी लगाई थी बिड
इससे पहले सुधीर वालिया की कंपनी सुरक्षा एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी और मुंबई की दोस्ती रियल्टी की ज्वाइंट वेंचर कंपनी लक्षद्वीप ने जेपी इंफ्राटे के लिए 7,350 करोड़ रुपए की बिड लगाई थी। प्राप्‍त जानकारी के अनुसार कमेटी द्वारा दो दिन चलने वाली मीटिंग में गौड़ की बिड पर विचार किया जा सकता है। गौड़ की ओर से अपने प्रेजेंटेशन में लेंडर्स को कुछ इंस्ट्रूमेंट्स के जरिए कैश, लैंड पार्सल और इक्विटी ऑफर किया है, जो जेपी इंफ्राटेक के 9800 करोड़ रुपए के बकाया लोन से ज्यादा है।

इन्सॉल्वेंसी प्रोसीडिंग्स से गुजर रही है जेपी इंफ्रा
संकट में फंसी जेपी ग्रुप की कंपनी जेपी इंफ्राटेक लोन रिपेमेंट में डिफॉल्ट होने के चलते इन्सॉल्वेंसी प्रोसीडिंग्स से गुजर रही है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रायब्यूनल यानी एनसीएलटी ने पिछले साल आईबीसी के तहत जेपी इंफ्राटेक के मामले में रिजॉल्यूशन के लिए आईडीबीआई की अगुआई वाले कंसॉर्शियम का एप्लिकेशन स्वीकार किया था।