15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Lockdown में Man Power बना E-Commerce का सबसे बड़ी मुसीबत, कंपनियां करेंगी Temporary Recruitment

केंद्र सरकार ने 20 अप्रैल से कुछ शर्तों के साथ दी है ई कॉमर्स कंपनियों को राहत सिर्फ जरूरी सामानों की डिलीवरी कर सकती हैं E-Commerce Companies

2 min read
Google source verification
Lack of Man power biggest problem of e-commerce in lockdown

Lack of Man power biggest problem of e-commerce in lockdown

नई दिल्ली। कोरोना वायरस लॉकडाउन ( Coronavirus Lockdown ) के बीच पूरा देश एक बड़े चैंलेंज का सामना कर रहा है और वो है आर्थिक संकट का। देश के तमाम उद्योगों पर 20 तरीख के बाद भी ताले लगे हुए हैं। इसका कारण मैन पॉवर की कमी। ई कॉमर्स कंपनियों के सामने भी यही सबसे बड़ा चैलेंज बना हुआ है। केंद्र सरकार ने 20 तारीख से कुछ सेक्टर्स को राहत दी है। जिसमें ई कॉमर्स कंपनियां ( E-Commerce Companies ) भी शामिल हैं। शर्त यह है कि कंपनियां सिर्फ जरूरी सामानों की डिलीवरी कर सकती है। समस्या ये है कि डिलीवरी करने के लिए मैन पॉवर ( Man Power ) की भारी कमी है। अब इस कमी को पूरा करने के लिए कंपनियां अब अस्थाई भर्ती करने को तैयार हो गई हैं।

यह भी पढ़ेंः-Indigo Airlines सीनियर कर्मचारियों की काटेगा सैलरी, लेकिन इनको दी बड़ी राहत

कंपनियों के सामने बड़ा चैलेंज
ई-कॉमर्स कंपनियों के सामने मौजूदा समय में सबसे बड़ा चैलेंज मैन पॉवर का उभरकर आया है। जिसकी वजह से कंपनियों की डिलीवरी काफी प्रभावित हो रही है। अब कंपनियों ने इसके लिए एक दूसरा विकल्प तलाशने की कोशिश की है। जानकारों की माने तो मैन पॉवर की कमी को पूरा करने और डिलीवरी को निर्बाध करने के लिए कई कॉमर्स कंपनियां अस्थाई भर्ती करेंगी। कंपनियों के अनुसार जिन लोगों को नौकरी की जरुरत है और जो काम करना चाहते हैं तो उन्हें काम दिया जाएगा। कंपनियों के अनुसार दिक्कत सिर्फ इतनी है कि सरकार द्वारा जो कफ्र्यू पास दिए गए हैं वो काफी कम है। ऐसे में पास बनाने में जितनी तेजी की जाएगी, लोगों की भर्तियां उतनी ही तेजी से होंगी।

यह भी पढ़ेंः-Air India 4 मई से घरेलू और 1 जून से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए शुरू करेगी बुकिंग

आखिर क्यों सामने आई मैन पॉवर की समस्या
वास्तव में कंपनियों का कहना है कि सरकार की ओर से आदेश दिया गया है कि अगर लॉकडाउन की वजह से कामगार काम पर ना आने की स्थिति में ना हो तो उसके वेतन में कटौती ना की जाए। उन्हें वर्किंग समझकर पूरी सैलरी दी जाए। ताकि ऐसे लोगों किसी तरह की परेशानी ना हो। सरकार का फैसला स्वागत योग्य और सराहनीय है। वहीं जिन कर्मचारियों के कफ्र्य पास तैयार हो गए हैं वो काम पर आने से इनकार कर रहे हैं। सरकार के इस फैसले पर लगातार चर्चा की जा रही है। जो कंपनियां जरूरी सेवाएं उपलब्ध करा रही है उनके वर्कर्स को घर बैठे-बैठे सैलरी देने वाले आदेश में संशोधन होना काफी जरूरी है।