
एक होंगी भारती इंफ्राटेल और इंडस टावर्स, एनसीएलटी से मिली मंजूरी
नई दिल्ली। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्युनल ( NCLT ) ने टावर कंपनी भारती इंफ्राटेल और इंडस टावर्स के विलय की मंजूरी दे दी है। नियामकीय फाइलिंग में इस संबंध में जानकारी दी गई। भारती इंफ्राटेल ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की फाइलिंग में लिखा, "एनसीएलटी की चंडीगढ़ बेंच ने गत 31 मई 2019 को इंडस टावर्स लिमिटेड और भारती इफ्राटेल लिमिटेड के विलय को मंजूरी दे दी है।" एनसीएलटी ? ने इस संबंध में शेयरहोल्डर्स और उधारकर्ताओं को भी इस संबंध में सुचित करने की बात कही है।
अभी लेनी होगी टेलिकॉम डिपार्टमेंट से मंजूरी
इस प्रस्तावित विलय की प्रक्रिया पूरा होने के बाद देश को अब तक का सबसे बड़ी टावर कंपनी मिल जाएगी। विलय के लिए एनसीएलटी से मंजूरी मिलने के बाद अब इन दोनों कंपनियों को टेलिकॉम डिपार्टमेंट से भी मंजूरी लेनी होगी। फाइलिंग में आगे कहा गया है कि "यह योजना उस दिन से प्रभावी हो जाएगी, जिस तिथि के आदेश की प्रमाणित प्रति ... एनसीएलटी को योजना में निर्धारित अन्य शर्तों की पूर्ति / छूट के लिए रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के साथ दायर किया जाएगा। प्रभावी तिथि को स्टॉक एक्सचेंजों को सूचित किया जाएगा।"
सीईओ पद के लिए इस शख्स के नाम पर मुहर
पिछले साल ही भारती एयरटेल, वोडाफोन ग्रुप और आइडिया सेल्युलर (अब वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड) विलय के लिए राजी हुए थे। इस विलय के बाद चीन के बाहर सबसे बड़ा मोबाइल टावर ऑपरेटर कंपनी बन जाएगी। विलय के बाद बनने वाली नई कंपनी के पास अनुमानत: देश के 22 टेलिकॉम सर्विस क्षेत्र में करीब 1.63 लाख टावर्स होंगे। बीते माह भारती एंड वोडाफोन ग्रुप ने नई टावर कंपनी के लिए बिमल दयाल को मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया था। दोनों कंपनियों ने कहा था कि विलय की यह प्रक्रिया एडवांट स्टेज में है।
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Published on:
02 Jun 2019 02:48 pm
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